कोर्ट में जजों को भी कभी-कभी अजीबो-गरीब मामला सुनने को पड़ जाता है। ऐसा ही एक किस्सा मुंबई में हुआ जब मुंबई हाईकोर्ट के जजों को एक ऐसा केस भी सुनना पड़ा जिसे सुनकर आप शायद लोट-पोट हो जाए। मुंबई सांताक्रूज निवासी एक पुरूष ने एक स्थानीय फैमिली कोर्ट में अपनी पत्नी के खिलाफ तालाक के लिए याचिका दिया था। पति ने अपनी पत्नी को सिर्फ इसलिए तालाक का नोटिस भेज दिया क्योंकि वह सुबह देर से उठती थी और टेस्टी खाना नहीं बनाती थी। इसमें उन्होंने लिखा थी कि उनकी पत्नी लेट उठती हैं और टेस्टी खाना नहीं बना पाती। हालांकि फैमिली कोर्ट ने केस के गंभीरता के स्तर को देखते हुए तालाक की याचिका को खारिज कर दिया था। लेकिन पति नहीं माना और इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट चला गया।
मुंबई हाईकोर्ट ने इस केस की सुनवाई करते हुए कहा कि पति ने जो भी आरोप लगाए हैं उसमें किसी भी कार्य का निर्दयी या कठोर कार्य कहा जा सकता है। जजों के बेंच जस्टिस केके ततेड़ और जस्टिस सारंग कोतवाल ने इस केस की सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के आरोपों को किन्हीं भी आधार से ऐसा कहा जा सकता है जिससे तालाक दिया जाए। याचिकाकर्ता ने अपनी पत्नी पर शाम को ऑफिस से लेट आने, ऑफिस से आने के बाद सोने और फिर खराब खाना बनाने की भी शिकायत की थी।