मोहब्बत की मिसाल पेश करते हुए बनवाया पत्नी का मंदिर, कोरोना से हुई थी मौत

पूरी दुनिया ने कोरोना का कहर झेला हैं और कईयों में इस महामारी की वजह से अपनों को खोया हैं। अपनों को सभी याद करते हैं। लेकिन एक पति हैं जिसने अपनी पत्नी को खोने के बाद कुछ ऐसा काम किया कि मोहब्बत की मिसाल बन गया। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के शाजापुर के नारायण सिंह की जिन्होनें अपनी पत्नी का मंदिर ही बनवा डाला। अब हर दिन सुबह शाम नारायण सिंह और उनके बेटे इस मूर्ती की पूजा अर्चना करते हैं। जी दरअसल बेटे भी यही चाहते थे कि मां भले ही इस दुनिया से चली गई हो लेकिन इस प्रतिमा के तौर पर सदैव उनके साथ रहे इसी के चलते सभी अब माँ का पूजन करते हैं और उन्हें याद करते हैं।

मिली जानकारी के अनुसार शाजापुर जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर सांपखेड़ा गांव में रहने वाले नारायण सिंह की पत्नी गीताबाई की कोरोना बीमारी के चलते मौत हो गई थी। नारायण सिंह धार्मिक प्रवृत्ति के हैं और उन्हें अपनी पत्नी से बेहद लगाव था। केवल वही नहीं बल्कि उनके बेटे भी अपनी मां की मौत के बाद टूट से गए थे। ऐसे में बेटों और नारायण सिंह ने पत्नी की स्मृति में घर के बाहर एक मंदिर बनाने का सोचा और अब सभी ने पत्नी का मंदिर बनवाने की सोच को मूर्त रूप दिया है।

पत्नी की मौत के तीसरे ही दिन इनके बेटों ने अलवर राजस्थान में गीता बाई की मूर्ति बनवाने का आर्डर दिया और डेढ़ माह बाद तीन फीट बड़ी यह सूंदर प्रतिमा बनकर आ गई। उसके बाद परिजनों द्वारा अपने घर के बाहर एक छोटा सा मंदिर बनाकर उसमे पूरे विधि विधान के साथ इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई।