हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस की वजह से लगातार पशुओं की मौत हो रही है। हिमाचल प्रदेश के पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि अब तक राज्य में लंपी बीमारी से 4567 पशुओं की मौत हो चुकी है, जबकि 83,790 पशु संक्रमित हुए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि हिमाचल में इस बीमारी की रोकथाम और पशुधन बचाने के लिए सरकार ने टास्क फोर्स बनाई है। लंपी वायरस को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने पहले दिन से जरूरी कदम उठाए हैं और लंपी को महामारी घोषित करने के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। 2 लाख 26 हजार 351 पशुओं को लगाए गए टीके
पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि अब तक 2 लाख 26 हजार 351 पशुओं को लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए टीके लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि सूबे में 83,790 पशु इस बीमारी से ग्रसित हुए हैं। साथ ही 4,567 पशुओं की मौत हो चुकी है। पशुपालन मंत्री बोले कि हिमाचल में पशु संक्रमण दर 10 से 20 प्रतिशत हैं और मृत्यु दर 1 से 5 प्रतिशत तक है। सूबे में 22 जून को लंपी रोग का पहला मामला शिमला के चायली में आया में रिपोर्ट हुआ था, जिसकी 29 जून को जांच के बाद पुष्टि हुई थी। इसके बाद सरकार हरकत में आई थी और एक जुलाई को विभाग के सभी अधिकारियों को लंपी रोग के बारे दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।