आप सब जानते ही हो कि शराब सेहत के लिए कितनी हानिकारक होती है। ये इंसान को अन्दर से खोखला कर देती है। शराब की लत इतनी बुरी होती है की इंसान सब कुछ भूलकर हिंसा करने लगता है। ये शराब पीने की लत दिन प्रतिदिन बढती जाती है। शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस नारे के जरिए एक तरफ सरकारें आम लोगों को चेतावनी देती हैं। लेकिन दूसरी तरफ शराब से राजस्व पाने की कवायद में गली कूंचे में शराब की दुकानें नजर आती है। एक तरफ सरकार अपने नियंत्रण में शराब लोगों को परोसती है तो दूसरी तरफ बहुत लोग ऐसे हैं जो सस्ती शराब की लालच में अपनी जिंदगी को दांव पर लगा देते हैं।
हाल ही में दिल को झकझोर देने वाली घटना ने दस्तक दी जिसमें उत्तराखंड और यूपी में 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के एक सीमावर्ती गांव में किसी की मृत्यु पर तेरहवीं की रस्म के लिए इकट्ठा हुए आसपास के चार-पांच गांवों के लोग एक साथ जहरीली शराब के शिकार हो गए। संयोग यह कि ऐसी ही घटना ठीक उसी दिन उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा के पास पड़ने वाले कस्बे कुशीनगर में भी दोहराई गई। अगले दिन हरिद्वार, सहारनपुर, कुशीनगर और मेरठ के अस्पतालों में एक के बाद एक होने वाली मौतों का जो सिलसिला शुरू हुआ, उससे मृतकों की संख्या 100 के पार चली गई, और जानकारों के मुताबिक कई और मरीजों की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है। इस सिलसिले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। लेकिन जहरीली शराब से होने वाली मौतों का ये पहला केस नहीं है। यहां पर ये जानना जरूरी है कि शराब क्यों जहरीली हो जाती है और वो मौत की वजह बन जाती है।
शराब जब बन जाती है जहरअधिक नशा लाने की कोशिश में कच्ची शराब जहरीली हो जाती है। कच्ची शराब बनाने में गुड़, शीरा से लहन तैयार किया जाता है। लहन को मिट्टी में गाड़ दिया जाता है। इसमें यूरिया और बेसरमबेल की पत्ती डाला जाता है। अधिक नशीली बनाने के लिए इसमें ऑक्सिटोसिन मिला दिया जाता है, जो मौत का कारण बनती है। कच्ची शराब बनाने के लिए 5 किलो गुड़ में 100 ग्राम यीस्ट और यूरिया मिलाकर इसे जमीन में गाड़ दिया जाता है। जब इसमें लहन उठने( फर्मेंटेशन) लगती है तो बर्तन को भट्टी पर चढ़ा दिया जाता है।
लहन के गर्म होने के बाद उससे भाप बाहर आती है और उससे शराब उतारी जाती है। इसके अलावा सड़े संतरों और उनके छिलकों के साथ साथ सड़े गले अंगूर से भी लहन तैयार किया जाता है। कच्ची शराब में यूरिया और ऑक्सिटोसिन जैसे केमिल पदार्थ मिलाने की वजह से मिथाइल एल्कोल्हल बन जाता है। इसकी वजह से ही लोगों की मौत हो जाती है। मिथाइल शरीर में जाते ही केमिकल रिएक्शन तेज होता है। इससे शरीर के अंदरूनी अंग काम करना बंद कर देते हैं। इसकी वजह से कई बार तुरंत मौत हो जाती है और कुछ लोग अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान दम तोड़ देते हैं।