पंजाब / जहरीली शराब कांड के 4 मुख्य आरोपी गिरफ्तार, दो महिलाएं भी शामिल, अब तक 86 लोगों की मौत

पंजाब में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या शनिवार देर रात तक बढ़कर 86 हो गई। सबसे ज्यादा तरनतारन में 63 मौतें हुई हैं, जिसके बाद अमृतसर में 12 और गुरदासपुर के बटाला में 11 मौतें हुईं। पुलिस आरोपियों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। इस बीच जहरीली शराब कांड के 4 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। खास बात यह है कि इनमें से दो महिलाएं हैं। पुलिस के मुताबिक ये दोनों महिलाएं हादसे की मास्टरमाइंड हैं।

अंग्रेजी अखबार ट्रिब्यून के मुताबिक जिन चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें त्रिवेणी चौहान और दर्शन रानी उर्फ फौजा भी शामिल है। इन दोनों के बेटे को भी गिरप्तार किया गया है। बटाला के हाथी गेट इलाके के रहने वाले एक शख्स ने बताया कि दोनों महिलाएं पूरे घटना की मास्टरमांइड हैं। पिछले 30 साल से ये दोनों गैरकानूनी तरीके से शराब बेच रहे थे। कहा जा रहा है कि पुलिस की मिली भगत से ये दोनों के धंधा कर रहे थे।

राज्य में बुधवार रात से शुरू हुई त्रासदी में शुक्रवार की रात तक 39 लोगों की मौत हो गई थी। मौत की संख्या और भी बढ़ सकती है। सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि त्रिवेणी चौहान ने पुलिस को चकमा देने की कोशिश की। पुलिस ने कहा, 'खुद को बेगुनाह साबित करते हुए त्रिवेणी पुलिस को उस जगह भी ले गई जहां लोगों की मौतें हुई थी। दरअसल वो पुलिस को भ्रमित करना चाहती थी। बाद में हमें इस घटना में उसके शामिल होने का पता चला'।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस मामले में 7 आबकारी अधिकारियों और 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। ये जानकारी वहां के अधिकारियों ने दी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने छह पुलिसकर्मियों के साथ सात आबकारी अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया है। निलंबित अधिकारियों में दो उप पुलिस अधीक्षक और चार थाना प्रभारी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में किसी भी सरकारी अधिकारी या अन्य को शामिल पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब के उत्पादन और बिक्री को रोकने में पुलिस और आबकारी विभाग की नाकामी शर्मनाक है।

सीबीआई जांच की मांग

उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में जहरीली शराब त्रासदी की सीबीआई जांच की मांग की है। केजरीवाल ने दावा किया कि स्थानीय पुलिस ने पिछले कुछ महीने में अवैध शराब से जुड़ा कोई भी मामला हल नहीं किया है। पंजाब में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी विपक्ष में है।

'राजनीतिकरण' न करने की अपील

इस बीच सीएम अमरिंद सिंह ने विपक्षी शिरोमणि अकाली दल से इस त्रासदी का 'राजनीतिकरण' न करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की त्रासदी उनके कार्यकाल के दौरान भी हुई। उन्होंने साल 2012 और 2016 के उदाहरणों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि 2016 के मामले में, न तो एफआईआर दर्ज की गई थी और न ही कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। शिरोमणि अकाली दल ने शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा कोर्ट के सिटिंग जज से न्यायिक जांच की मांग की थी, जबकि आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की थी।