हिंदी दिवस : अमित शाह ने कहा - हिंदी भाषा देश को एकजुट रख सकती है, एमके स्टालिन ने जताया विरोध

हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एक देश (India) के लिए एक आम भाषा होना बेहद जरूरी है जो दुनिया में अपनी पहचान का प्रतीक बन जाए और हिंदी देश को एकता की डोर में बांधने का काम कर सकती है। शाह ने कहा कि उत्तर-पूर्वी राज्य के हर बच्चे को हिंदी सिखाई जाएगी। उन्होंने 'एक राष्ट्र, एक भाषा' की पैरवी करते हुए कहा कि 'भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है, लेकिन देश में एक आम भाषा का होना आवश्यक है जो इसकी देश की पहचान बने और विदेशी भाषाओं को जगह न मिले। आज, अगर कोई भाषा देश को एकजुट रख सकती है, तो वह व्यापक रूप से बोली जाने वाली हिंदी भाषा है।'

उन्होंने कहा, 'आज हिंदी दिवस के अवसर पर मैं देश के सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि हम अपनी-अपनी मातृभाषा के प्रयोग को बढाएं और साथ में हिंदी भाषा का भी प्रयोग कर देश की एक भाषा के पूज्य बापू और लौह पुरूष सरदार पटेल के स्वप्न को साकार करने में योगदान दें।'

एमके स्टालिन ने किया विरोध

हालाकि अमित शाह के इस बयान पर डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने आपत्ति जताई है। उन्होंने शाह से अपना बयान वापस लेने को कहा है। वहीं उन्होंने हिंदी थोपे जाने का विरोध किया है। स्टालिन ने कहा, 'हम लगातार हिंदी थोपे जाने का विरोध कर रहे हैं। आज अमित शाह द्वारा दिए गए बयान से हमें झटका लगा है। इससे देश की एकता पर फर्क पड़ेगा। हम मांग करते हैं कि वह अपने इस बयान को वापस लें। सोमवार को हमारी कार्यकारिणी की बैठक है जिसमें हम इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे।'

PM मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर हिंदी दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी। वहीं बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हिंदी भारत में सर्वाधिक बोली एवं समझी जाने वाली भाषा है जो हम सभी भारतीयों को एकता के सूत्र में पिरोती है एवं विश्व में हमारी पहचान भी है। उन्होंने कहा, 'आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आइए हम सभी अपने दैनिक जीवन में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाएं एवं दूसरों को भी प्रेरित करें।'

विवादित बयान : ओवैसी ने कहा - 'हिंदी सभी भारतीयों की मातृभाषा नहीं'

ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहाद उल मुसलमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने शनिवार को विवादित बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि भारत हिंदी, हिंदूू और हिंदुत्‍व से कहीं अधिक बड़ा है। शनिवार को ट्वीट करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हिंदी सभी भारतीयों की मातृभाषा नहीं है। क्‍या आप लोग देश में बोली जाने वाली अन्‍य मातृभाषाओं की विविधता और सौंदर्य की प्रशंसा करने की कोशिश कर सकते हैं।