हिमाचल प्रदेश: लापता हुए 17 ट्रैकर्स में से 11 की मौत, दो को बचाया गया, 4 की तलाश अभी भी जारी

हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी और खराब मौसम की वजह से 18 अक्टूबर को लापता हुए पर्यटकों, कुलियों और गाइडों सहित 17 ट्रैकर्स के समूह में से 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इन लोगों के लापता होने की सूचना मिलने के बाद, वायु सेना ने लमखागा दर्रे पर बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया था और अब तक 11 शव बरामद किए जा चुके हैं।

बता दे, लापता ट्रैकर्स का पता लगाने के लिए नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स (एनडीआरएफ) के तीन कर्मियों को लगाया गया है और हल्‍के हेलीकॉप्‍टर (एएलएच) के जरिए ऊंची पहाड़ियों पर रेस्‍क्‍यू चलाया जा रहा है। 17 ट्रैकर्स में से एएलएच ने दो लोगों को बचा लिया है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार 21 अक्टूबर को, एसडीआरएफ के सदस्‍यों ने 4 शव बरामद कर लिए थे। वहीं, 22 अक्टूबर को 16500 फीट की ऊंचाई पर 7 शव बरामद किए गए। चार लोगों के बारे में अभी भी कोई जानकारी नहीं मिली है। अधिकारियों ने शव को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया और बचे लोगों को हरसिल में प्राथमिक उपचार के बाद उत्‍तरकाशी के जिला अस्पताल, उत्तरकाशी में भर्ती करा दिया गया।

टैकर्स के लापता होने की जानकारी मिलने के बाद भारतीय वायु सेना ने 20 अक्टूबर को बचाव कार्य शुरू किया था। बताया जाता है कि ये ट्रैकर्स 14 अक्टूबर को उत्तराखंड के उत्तरकाशी से सटे हर्षिल से हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में चितकुल के लिए निकले थे, लेकिन वे 17 से 19 अक्टूबर के बीच लमखागा दर्रे के आसपास लापता हो गए थे।

11 अक्‍टूबर को हर्षिल से रवाना हुए थे ट्रैकर्स

पश्चिम बंगाल और अन्य स्थानों के 8 पर्यटकों का दल मोरी सांकरी की एक ट्रैकिंग एजेंसी के माध्यम से 11 अक्‍टूबर को हर्षिल से रवाना हुआ था। दल ने बाकायदा वन विभाग उत्तरकाशी से 13 से 21 अक्टूबर तक लमखागा के पास तक ट्रैकिंग करने के लिए इनर लाइन परमिट भी लिया था।

17 से 19 अक्टूबर तक मौसम खराब होने के कारण यह दल भटक गया। ट्रैकिंग दल से कोई संपर्क न होने पर सुमित हिमालयन ट्रैकिंग टूर एजेंसी ने उत्तराखंड सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार से पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए सूचना दी है। किन्नौर जिला प्रशासन को बुधवार को इस दल के लापता होने की सूचना मिली थी।

दल के सदस्यों की पहचान दिल्ली की अनीता रावत(38), पश्चिम बंगाल के मिथुन दारी (31), तन्मय तिवारी (30), विकास मकल (33) सौरभ घोष (34) सावियन दास (28), रिचर्ड मंडल (30) और सुकेन मांझी (43) के तौर पर हुई है।

खाना पकाने वाले कर्मचारियों की पहचान देवेंद्र (37), ज्ञान चंद्र (33) और उपेंद्र (32) के रूप में हुई है, जो उत्तरकाशी के पुरोला के रहने वाले हैं।