हिमाचल में बर्फबारी, मनाली सहित 7 स्थानों में पारा माइनस में लुढ़का; बर्फ की चादर में लिपटा मां वैष्णो देवी का भवन

हिमाचल प्रदेश के पहाड़ एक बार फिर बर्फ से ढक गए है। शिमला, मनाली (Manali), डलहौजी समेत कई ऊंचाई वाले इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई है। शिमला और धर्मशाला के नड्डी और सोलन में सीजन का पहला हिमपात हुआ है। सोलन के सुबाथू ने 25 साल, जबकि धर्मपुर ने 20 साल बाद बर्फबारी हुई है। हिमपात के बाद मनाली-लेह और आनी-जलोड़ी जोत नेशनल हाईवे समेत 401 सड़कों पर यातायात ठप हो गया है।

कहां कितनी सड़कें बंद

जिला चंबा में सबसे ज्यादा 150 सड़कें बंद हैं, जबकि कुल्लू में 57, लाहौल स्पीति में 75, मंडी में 27, शिमला में 87 सड़कें अवरुद्ध हैं। इनके अलावा भी छोटे-बड़े मार्ग यातायात के लिए ठप हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के 377 रूट प्रभावित हुए हैं जबकि बसें आधे रास्ते में फंसी हुई हैं। प्रदेश भर में बर्फबारी से 344 ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं। कई ईलाकों में पानी की सप्लाई भी बाधित है। अटल टनल रोहतांग को भी सभी प्रकार के वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। सोलंगनाला पर्यटन स्थल भी सैलानियों के लिए बंद है। प्रशासन ने सैलानियों को मनाली से पांच किमी दूर नेहरूकुंड तक ही जाने की अनुमति दी है।

तापमान में गिरावट

हिमपात के बाद हिमाचल के छह शहरों में तापमान माइनस में चला गया है। मनाली-0.6 डिग्री, कल्पा -3.4, केलांग -11.6, भुंतर -1.2, मंडी -2 डिग्री, सोलन -0.5, सुंदरनगर में न्यूनतम पारा -1.6 डिग्री दर्ज किया गया है। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान ऊना में 23.6 डिग्री रिकॉर्ड हुआ है।

बर्फ की चादर में लिपट गया मां वैष्णो देवी का भवन

आपको बता दे, मां वैष्णो देवी के भवन पर करीब डेढ़ फीट बर्फबारी हुई। वहीं, भैरव घाटी में दो से ढाई फीट, सांझी छत क्षेत्र में करीब दो फीट, हिमकोटी क्षेत्र में एक फीट, लंबी केरी क्षेत्र में आधा फिट, माता का बाग में करीब एक फीट और देवी द्वार क्षेत्र में भी करीब आधा फिट बर्फबारी हुई। वैष्णो देवी के त्रिकुटा पर्वत की बात करें तो तीन से चार फीट बर्फ जमा हो चुकी है। रिकूट पर्वत पर रविवार को मौसम की पहली बर्फबारी हुई। शाम 5:30 बजे से शुरू हुई बर्फबारी आधे घंटे तक जारी रही।

यात्रा मार्ग पर बर्फबारी होने से ठंड के साथ फिसलन भी बढ़ गई है, लेकिन यात्रा का रख-रखाव करने वाले श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने पूरे इंतजाम कर रखे हैं। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह अलाव जलाए जा रहे हैं। इसके अलावा कटड़ा, आद्कुंवारी व भवन पर श्राइन बोर्ड के विश्रामघरों में ठहरने, गर्म पानी व कंबल इत्यादि के अतिरिक्त बंदोबस्त किए गए हैं।