कर्नाटक: स्कूल-कॉलेजों में हिजाब बैन... राजनीति हुई तेज, ओवैसी बोले- मैं हाईकोर्ट के फैसले से सहमत नहीं

कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल कॉलेजों में हिजाब बैन के फैसले को चुनौती देने वालीं याचिकाओं को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। अब इस मसले पर राजनीति भी तेज हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से असहमति जाहिर की है। इतना ही नहीं उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत बाकी संगठनों से इसके खिलाफ आवाज उठाने की अपील की।

AIMIM नेता और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, 'मैं कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हूं। फैसले से असहमत होना मेरा हक है। मुझे उम्मीद है कि याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।'

ओवैसी ने अगले ट्वीट में लिखा, 'मुझे उम्मीद है कि AIMPLB (ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड) के साथ बाकी संगठन भी इस फैसले के खिलाफ अपील करें।'

क्या है कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला?

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है। कर्नाटक हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस। दीक्षित और जस्टिस खाजी जयबुन्नेसा मोहियुद्दीन की तीन मेंबर वाली बेंच ने कर्नाटक सरकार के 5 फरवरी को दिए गए आदेश को निरस्त करने से इनकार कर दिया, जिसमें स्कूल यूनिफॉर्म को जरूरी बताया गया था। छात्राओं ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्हें क्लास के अंदर भी हिजाब पहनने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि यह उनकी आस्था का हिस्सा है।

सुप्रीम कोर्ट जाएगा हिजाब मामला

स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से निराश याचिकाकर्ता छात्राएं और संगठन इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में हैं। वकीलों की टीम अभी फैसले का अध्ययन कर रही है। याचिकाकर्ताओं के वकील उसमें से लीगल प्वाइंट देखकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।

क्या है हिजाब विवाद?

कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी में हुई थी। यहां उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी। कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वे फिर भी पहनकर आ गई थीं। इसके बाद लड़कियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज किया था। इसके विवाद कर्नाटक से लेकर पूरे देशभर में हिजाब को लेकर विवाद शुरू हुआ। स्कूलों में हिजाब के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन किए गए। यहां तक कि मामला सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।