जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एसआई भर्ती-2021 में एकलपीठ द्वारा दिए गए यथा-स्थिति और फील्ड ट्रेनिंग रोकने के आदेश में दखल देने से इंकार कर दिया है। यह आदेश सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस पंकज भंडारी की खंडपीठ ने चैतन्य सिंघल व अन्य की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिया। खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि एकलपीठ मामले की सुनवाई कर रहा है, इसलिए इस स्तर पर एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाना उचित नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने अपीलार्थियों को निर्देश दिया कि वे एकलपीठ के समक्ष 10 फरवरी तक अपना जवाब पेश करें। खंडपीठ ने एकलपीठ को यह भी कहा कि वह मामले की सुनवाई को जल्द से जल्द पूरा करे।
अपील में वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर ने कहा कि कुछ अभ्यर्थियों द्वारा कथित रूप से अपनाए गए अनुचित साधनों के आधार पर पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द नहीं किया जा सकता। इन अभ्यर्थियों के खिलाफ अभी ट्रायल चल रहा है और यह तभी तय होगा कि उन्होंने परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग किया था या नहीं। इसके अलावा, अपील में यह भी कहा गया कि अपीलार्थियों पर कोई विशिष्ट आरोप नहीं लगाए गए हैं, ऐसे में उन्हें सेवा में बने रहने का अधिकार है। केवल याचिका में लगाए गए आरोपों के आधार पर उन्हें सेवा से हटाना उचित नहीं है।
अपील में यह भी उल्लेख किया गया कि एसआईटी, महाधिवक्ता और कैबिनेट सब कमेटी की राय केवल सुझावात्मक है, और राज्य सरकार को उसे मानने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। इसके बाद सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश में दखल देने से इंकार कर दिया। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने गत 18 नवंबर को भर्ती प्रक्रिया में यथा-स्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। इसके बाद एकलपीठ ने फील्ड ट्रेनिंग पर भी रोक लगा दी थी। इसके परिणामस्वरूप, पुलिस मुख्यालय ने फील्ड ट्रेनिंग पर गए ट्रेनी उपनिरीक्षकों को वापस बुला लिया था।