हाईकोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को दिया झटका, स्किल डेवलपमेंट स्कैम दायर FIR खारिज करने से किया इंकार

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को बड़ा झटका लगा है। स्किल डेवलपमेंट स्कैम में उनके खिलाफ दायर FIR खारिज करने से हाईकोर्ट ने साफ तौर से इनकार कर दिया है। नायडू की तरफ से इस मामले में सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने जिरह की थी। जबकि सरकार की तरफ से दिग्गज वकील मुकुल रोहतगी अपना पक्ष रख रहे थे। रोहतगी का तर्क था कि केस दर्ज हुआ है तो उसकी जांच तो होने दीजिए।

पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को कौशल विकास निगम के धन का दुरुपयोग करने के आरोप में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। इसके कारण सरकारी खजाने को 300 करोड़ रुपये का कथित रूप से नुकसान हुआ था। नायडू वर्तमान में राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल में बंद हैं।

आंध्र प्रदेश की एक अदालत ने नायडू को दो दिन की सीआईडी की हिरासत में भेज दिया। सीआईडी ने तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को कौशल विकास निगम घोटाला मामले में अरेस्ट किया था। स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर वाईएन विवेकानंद ने कहा कि एसीबी की विशेष अदालत ने नायडू को दो दिन, 23 और 24 सितंबर, के लिए पूछताछ के वास्ते पुलिस की हिरासत में भेजा है।

विवेकानंद ने कहा कि पुलिस हिरासत पर लागू होने वाली शर्तों के अनुसार दो अधिवक्ताओं को नायडू से मिलने की अनुमति दी जाएगी। उनको प्रताड़ित नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोनों दिन शाम पांच बजे तक पूछताछ पूरी हो जाएगी।

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने नायडू के खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने से जुड़ी उनकी याचिका पर मंगलवार को आदेश सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने नायडू और आंध्र प्रदेश सीआईडी की तरफ से पश वकीलों की दलीलें सुनीं। नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और सिद्धार्थ लूथरा ने दलील दी थी कि सीआईडी ने मामले में राज्यपाल से पूर्व अनुमति नहीं ली थी। उनका कहना था कि पुलिस को जांच से पहले गवर्नर से अनुमति लेने की अनिवार्य आवश्यकता है। सीआईडी की ओर से मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि सीआरपीसी की धारा 17(ए) नायडू पर लागू नहीं होती है।