कोरोना जांच में आएगी तेजी, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- अगले महीने से देश में ही बनाई जाएगी टेस्टिंग किट

स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मंगलवार को बताया कि अगले महीने से देश में ही कोरोना की जांच के लिए टेस्टिंग किट का उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम मई तक भारत में आरटी-पीसीआर और एंटीबॉडी टेस्ट किट बनाना शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि ICMR से मंजूरी मिलने के बाद हम उत्पादन शुरू करेंगे और हमारा लक्ष्य 31 मई से रोजाना एक लाख टेस्ट करने का है।

उन्होंने बताया कि अभी देश में 30 से 35 हजार टेस्ट रोजाना हो रहे हैं। कई जगहों पर संक्रमण काबू में है। देश के 80 जिलों में 7 दिन और 47 जिलों में 14 दिन से एक भी कोरोना का केस सामने नहीं आया है। 39 जिलों में पिछले 21 दिनों से कोई केस दर्ज नहीं हुआ है। 17 जिलों में पिछले 28 दिनों से एक भी पॉजिटिव नहीं मिला। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में केसों के दोगुना होने की दर पिछले 14 दिनों से 8.7% थी, लेकिन 7 दिन से यह 10.2 दिन है।

प्लाज्मा थेरपी को लेकर कही ये बात

कोरोना वायरस के इलाज के लिए देशभर में प्लाज्मा थेरपी पर चर्चा हो रही है। अब तक दावा किया जा रहा था कि कोरोना वायरस से पीड़ित की मरीजों पर इस थेरपी का असर हो रहा है। इसे इलाज के तौर पर देखा जाने लगा था। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज प्रेस ब्रीफिंग के दौरान स्पष्ट कहा कि प्लाज्मा थेरपी को लेकर शोध किया जा रहा है और अभी यह दावा करने के पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि प्लाज्मा थेरपी का इस्तेमाल कोविड-19 के इलाज के तौर पर किया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वर्तमान में प्लाज्मा थेरेपी प्रायोगिक स्तर पर है और अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इसका इस्तेमाल COVID-19 के उपचार के रूप में किया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में कोविड -19 के लिए कोई उपचार नहीं हैं और यह दावा करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग बीमारी के इलाज के लिए किया जा सकता है।