हरियाणा: चरखी दादरी के इन 3 गांवों में कोरोना नहीं रख सका अपने कदम, संक्रमण का एक भी मामला नहीं

हरियाण में शनिवार को कोरोना के 170 नए मामले सामने आए, जिससे राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 7,67,217 हो गयी, वहीं 33 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 9,216 हो गयी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार संक्रमण से मौत के नए मामले में 5 मामले पानीपत से, सिरसा और हिसार से 4-4 मामले शामिल हैं। जींद में 29 और पलवल में 18 नए मामले सामने आए। राज्य में अभी 2,677 मरीजों का इलाज चल रहा है जबकि 7,55,324 लोग बीमारी से उबर चुके हैं। कोरोना महामारी का खौफ हरियाणा के चरखी दादरी (Charkhi Dadri) जिले के सभी 175 गांव में था। चरखी दादरी जिले में कोरोना महामारी से 135 लोगों की मौत हो चुकी है। चरखी दादरी के 175 गांवों में से 3 ऐसे गांव है जहां लोगों की समझदारी और जागरूकता से कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया। इन गांव में न तो रिश्तेदारों को आने दिया गया और न ही बुढ़े बुजुर्गों को हुक्का ताश खेलने दिया गया। यहीं नहीं अगर किसी घर में कोई बीमार भी है तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग की टीम को बुलाकर उपचार करते और एक सप्ताह तक घर के सभी लोगों को बाहर नहीं निकलने दिया जाता था। बल्कि ऐसे लोगों को खुद गांव के लोग ही घर पर आवश्यक खाद सामग्री उपलब्ध करवाते थे।

कोरोना महामारी को लेकर सभी को किया जागरूक

यहीं समझदारी रही कि तीनों गांव पूरे जिले के लिए प्रेरणा बन गए हैं। मार्च महीने में ही कोरोना वायरस रफ्तार पकड़ऩे लगा था। ऐसे में मार्च महीने में ही गांव के अड्डे पर 11 लोगों की कमेटी बनाकर चौकी शुरू करवा दी थी। इसके बाद दूसरे गांव या जिले के लोगों को कोरोना महामारी को लेकर सभी को जागरूक किया और अब सभी लोग अपने घरों में ही बैठकर अलग से हुक्का पीते हैं। ताश खेलना गांव में बिलकुल बंद हो गया है। वहीं संक्रमण का खात्मा करने के लिए गांव को बार वार सैनिटाइज भी करवाया गया है। यहीं कारण है कि गांव में 2020 और 2021 में एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं आया है।

कोरोना टेस्ट रिपोर्ट दिखाने के बाद मिलता था प्रवेश

गांव नोरंगवास के पूर्व सरपंच महेश कुमार ने बताया कि हर तरफ कोरोना महामारी से लोग बिमार हो रहे थे। तो कहीं लोग संक्रमण से अपनी जान गवां रहे थे और कोई उपचार भी नहीं है। ऐसे में अगर गांव को इस महामारी से बचाया जा सकता था तो वह सभी की सहमति से फैसले और जागरूकता से। ऐसे में पूरे गांव की सर्वसम्मति से बाहर से अगर कोई भी नौकरी करने वाला या कोई रिश्तेदार प्रवेश करता था तो उसे पहले कोरोना टेस्ट रिपोर्ट दिखानी पड़ती है। यह गांव के लोगों पर भी लागू है जो बाहर नौकरी करते हैं और कई कई दिन में आते हैं। इसके अलावा गांव के खेतों में ही सब्जी व फल उगाए हुए हैं। ग्रामीण सिर्फ अपने खेतों से ही फल व सब्जी खरीद कर खाते थे। बाहर से कोई भी फेरी लगाने वाले सब्जी वाले को नहीं आने दिया गया। इससे ग्रामीणों द्वारा प्रवेश पर प्रतिबंद लगाने के लिए गए फैसले में इजाफा हुआ, जिसके कारण संक्रमण भी गांव में प्रवेश नहीं कर पाया। बावजूद इसके सप्ताह में एक बार पूरे गांव को सैनिटाइज करवाया जाता रहा है। सभी ग्रामीण मुनादी के बाद अपनी इच्छा से घर पर ही रहते। सभी लोग अपने घर पर ही बैठकर हुक्का पीते हैं।

इन गांवों को किया जाएगा सम्मानित


जिला उपायुक्त अमरजीत सिंह मान ने कहा की दादरी जिले के लिए बड़ी खुशी की बात है कि जिले के 3 गांव ने सरकार की गाइड लाईन व अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए अपने गांव को कोरोना से बचाए रखा है। डिप्टी सीएमओ डॉ।संजय गुप्ता ने कहा कि जिले में 175 गांव हैं। इनमें से सिर्फ तीन गांव ऐसे हैं जहां के लोगों ने अपने समझदारी से कोरोना संक्रमण को गांव में घुसने ही नहीं दिया। ऐसे गांव सभी के लिए प्रेरणा हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम का भी इन गांव ने काफी सहयोग किया है। डीसी ने जल्द ही गावों को सम्मानित किया जाने की बात कही।