उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ का आज 10वां दिन है, और इस दौरान कई घटनाएं और व्यक्तित्व चर्चा का विषय बने हुए हैं। इंदौर की मोनालिसा अपनी सादगी और कजरारी आंखों के कारण लाइमलाइट में हैं, वहीं भोपाल की एंकर और मॉडल हर्षा रिछारिया का साध्वी के रूप में महाकुंभ में आना विवादों का कारण बन गया है।
हर्षा रिछारिया, जो दो साल पहले तक एंकरिंग और मॉडलिंग की दुनिया में छाई हुई थीं, अब धर्म के मार्ग पर चल रही हैं। उनके साध्वी परिधान में कुंभ मेले में दिखने को लेकर लोग हैरान हैं। सोशल मीडिया पर इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं, खासकर यह कि वे सनातनी नहीं हैं और मेकअप का इस्तेमाल करती हैं। इस कदम ने उनके नए धार्मिक जीवन को लेकर चर्चा को जन्म दिया है।
'मैं साध्वी नहीं हूं;हर्षा रिछारिया ने 'शैडो टॉक' पॉडकास्ट में इन सवालों का जवाब देते हुए कहा, सनातनी होना और साध्वी होना, दोनों में बहुत बड़ा अंतर है। मैं बार-बार सबको यह स्पष्ट कर रही हूं कि मैं साध्वी नहीं हूं।
हर्षा के अनुसार, हमारा सनातन समाज बहुत व्यापक है, और इस समाज में रहते हुए हम अपनी सीमाओं के भीतर बहुत कुछ कर सकते हैं। मुझे यह पूरी तरह से समझ है कि मुझे कहां पर अपनी बाउंड्री सेट करनी है और कहां उसे क्रॉस नहीं करना है।
उन्होंने आगे कहा, अगर मैं कल को जींस और टॉप पहनकर बाहर जाती हूं, तो मुझे इसका पूरा अधिकार है। मैं ऐसा कर सकती हूं क्योंकि मैं साध्वी नहीं हूं। अभी मैंने साध्वी की कोई औपचारिक दीक्षा नहीं ली है।
'लेंस लगाऊं या मेकअप करूं, मेरी मर्जी'एंकरिंग और मॉडलिंग छोड़कर आध्यात्म की राह पर चलने वाली हर्षा रिछारिया का कहना है, मैं एक सामान्य इंसान हूं, और मैंने साध्वी की शिक्षा दीक्षा नहीं ली है। मैं मंत्र जाप करती हूं, मैं एक हिंदू और सनातनी हूं। इसलिए अगर मैं लेंस लगाऊं, चेहरे पर मेकअप करूं, लिपस्टिक लगाऊं या जींस-टॉप पहनूं, तो इससे किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा, यह कोई मुद्दा नहीं है, क्योंकि मैं एक गृहस्थ हूं। गृहस्थ व्यक्ति से इस तरह के सवाल बहुत ही बेबुनियाद हैं।
आस्था के इस महापर्व में हर्षा रिछारिया पर सवाल क्यों उठे?दरअसल, प्रयागराज के संगम में 13 जनवरी से महाकुंभ मेला चल रहा है, जो 26 फरवरी 2025 तक जारी रहेगा। इस महापर्व में भक्ति और साधना के विभिन्न रंग देखने को मिल रहे हैं। दुनिया भर के लोग इस महाकुंभ में शामिल हो रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के भोपाल की हर्षा रिछारिया ने एंकरिंग-मॉडलिंग का करियर छोड़कर महाकुंभ में साध्वी का रूप धारण किया, जिससे विवाद उठ गया।
हर्षा रिछारिया के पहनावे और तरीकों पर साधु-संतों ने नाराजगी जताई है, हालांकि कुछ संतों ने उनका समर्थन भी किया है। बता दें कि हर्षा का परिवार मूलतः उत्तर प्रदेश के झांसी के मऊरानीगंज से है, लेकिन वे पिछले 25 वर्षों से भोपाल में रह रहे हैं।