PM मोदी की अपील के बाद जूना अखाड़ा प्रमुख स्वामी अवधेशानंद ने कुंभ समाप्त करने की घोषणा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद साधु-संतों ने हरिद्वार कुंभ को तय समय से पहले खत्म करने का फैसला लिया। कुंभ में मौजूद 13 अखाड़ाें में तेजी से फैले कोरोना के बाद ये फैसला लिया गया है। इससे पहले कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से बात की थी। उन्होंने कुंभ में लोगों के जमावड़े को खत्म कर उसे सिर्फ प्रतीकात्मक तौर पर सीमित रखने की अपील की थी। जूना अखाड़े की तरफ से शनिवार शाम को कुंभ खत्म करने की घोषणा कर दी गई। निरंजनी और आनंद अखाड़ा पहले ही अपनी ओर से कुंभ समाप्ति की घोषणा कर चुके हैं।

कुंभ के समापन को लेकर अखाड़ाें की बैठक का अयोजन किया गया था जिसके बाद स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि भारत की जनता व उसकी जीवन रक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हमने विधिवत कुम्भ के आवाहित समस्त देवताओं का विसर्जन कर दिया है। जूना अखाड़ा की ओर से यह कुंभ का विधिवत विसर्जन-समापन है।

कुछ अखाड़े समय से पहले कुंभ मेला समाप्त करने की बात से नाराज थे। उनका कहना था कि मेला तय समय तक ही चलना चाहिए। इन साधु-संतों को मनाने के लिए उत्तराखंड सरकार पिछले 2 दिन से गुप्त बैठकें कर रही थी। दरअसल, केंद्र सरकार मेला जल्द से जल्द खत्म कराना चाहती है, लेकिन वह यह नहीं चाहती थी कि इसके लिए कोई सरकारी निर्देश जारी किया जाए। बल्कि, केंद्र साधु-संतों से खुद मेला खत्म होने की घोषणा कराना चाहती थी।

केंद्र ने इस बात के प्रबंधन का जिम्मा तीरथ सरकार को दिया था। सभी अखाड़ों के साथ गोपनीय सरकारी बातचीत चली। इन बैठकों का असर भी दिखा। दो दिन पहले निरंजनी और आनंद अखाड़े ने अपनी ओर से मेला समाप्ति की घोषणा कर दी थी। अब जूना अखाड़े के कुंभ खत्म करने के ऐलान से सरकार ने राहत की सांस ली है।

229 साधु मिले संक्रमित

हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। एसके झा ने बताया कि कुंभ मेले में भाग लेने वाले 175 साधु शनिवार को कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। अब तक, 229 साधु कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।