बुधवार को गुजरात के पाटीदार समुदाय के नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने ऐलान किया कि वह आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) लड़ने वाले हैं। फिलहाल उन्होंने यह साफ नहीं किया है कि वह किसी पार्टी में शामिल होंगे या फिर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ेंगे। हालांकि कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। लखनऊ में पत्रकारों द्वारा चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर हार्दिक (Hardik Patel) ने कहा, 'बिल्कुल, हम 2019 में चुनाव लड़ेंगे।' कांग्रेस (Congress) में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता ने कहा कि वह इस बारे में बाद में फैसला करेंगे। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में पार्टी की पटेल से बातचीत जारी है। वह मेहसाणा या अमरेली सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। इन सीटों पर पटेल वोटर्स की बड़ी संख्या है। 2015 में हुए पाटीदार आंदोलन के बाद कोर्ट ने पटेल के मेहसाणा जाने पर बैन लगा दिया था। इसके खिलाफ पटेल ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका लगाई है।
सूत्रों ने कहा, 'यदि हाईकोर्ट हार्दिक के मेहसाणा जाने पर लगे बैन को हटाती है तो वह उत्तर गुजरात के मेहसाणा से चुनाव लड़ेंगे। यदि ऐसा नहीं होता तो वह सौराष्ट्र के अमरेली से चुनाव लड़ सकते हैं।' वहीं कांग्रेस नेताओं ने भी ऐसी किसी संभावना से इनकार नहीं किया है। चुनावी राजनीति में पटेल की एंट्री का गुजरात की राजनीति पर खासा असर पड़ने वाला है। यहां 1995 से अब तक भारतीय जनता पार्टी ही चुनाव लड़ती आई है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने गुजरात की सभी 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के नेता धार्मिक मालवीय ने कहा, 'जब केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण शुरू किया तो हमें लगा कि हार्दिक को लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए।' उन्होंने कहा कि हार्दिक 25 साल के हो गए हैं, ऐसे में वह चुनाव लड़ सकते हैं।