3 साल से बीमार था 17 साल का बेटा, एकादशी का मुहूर्त देख मां ने उतारा मौत के घाट

गुजरात के राजकोट में रहने वाली एक महिला ने 3 साल से बीमार 17 वर्षीय बेटे की हत्या कर दी। इसमें सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात जो सामने आई है वह यह कि महिला ने एकादशी का मुहूर्त देख अपने बेटे की हत्या करी।

राजकोट के रणछोड़वाड़ी की गली नम्बर 7 में रहने वाले 17 वर्षीय प्रिंस किशोर भाई डागरिया को बेहोशी की हालत में हॉस्पिटल लाया गया, यहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित किया। प्रिंस की मां दक्षा बेन ने पुलिस को बताया कि उसका बीमार बेटा बिस्तर से गिर गया, जिससे वह बेहोश हो गया। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। जिससे पता चला कि प्रिंस की मौत गला दबने से हुई है। उसकी हत्या की गई है। जिसके बाद पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में कबूली हत्या

दक्षा बेन ने पुलिस को पहले तो खूब घुमाया, पर जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने बेटे की हत्या का अपराध कुबूल कर लिया। उसने बताया कि 3 साल से प्रिंस के मस्तिष्क में गांठ थी, राजकोट-अहमदाबाद में इलाज चल रहा था। एक ऑपरेशन भी हुआ था। कुछ समय से उसे बोलने-सुनने में तकलीफ हो रही थी। वह बिस्तर पर ही था। वह बेटे की खूब सेवा करती। पर बेटे का दु:ख उससे नहीं देखा गया। तब उसने उसे मार डालने का विचार किया।

ऐसे दी वारदात को अंजाम

शनिवार की सुबह 8:30 बजे पति किशोर भाई क्रांति मानव सेवा ट्रस्ट में सेवा काम के लिए घर से निकले। तब घर में प्रिंस और उसकी मां दक्षा बेन के अलावा कोई नहीं था। इसके पहले मां ने एकादशी का मुहुर्त देखा, ताकि बच्चे के प्राण शुभ मूहूर्त में जाएं। इसके बाद दक्षा बेन ने बेटे को बिस्तर से नीचे लाकर सुलाया। उसके बाद अपने दुपट्‌टे से रस्सी बनाई। रस्सी का एक सिरा सिलाई मशीन से बांधा, फिर प्रिंस के गले में गोल-गोल बांधकर उसके दूसरे सिरे को खींच दिया, जिससे दम घुटने से प्रिंस की मौत हो गई।

घटना को अंजाम देने के बाद दक्षा बेन ने पति को फोन पर बताया कि प्रिंस बिस्तर से गिर गया है। इसके बाद झूठी कहानी गढ़कर बेटे की मौत का विवरण बताया। पति किशोर भाई हीरा कारखाने में काम करते हैं।