स्‍टैचू ऑफ यूनिटी के टिकट बिक्री से मिले 5 करोड़ रूपये हुए गायब, एजेंसी के खिलाफ दर्ज हुई FIR

सरदार पटेल की प्रतिमा स्‍टैचू ऑफ यूनिटी की टिकट बिक्री से जमा पैसों के गबन का मामला सामने आया है। जिसके चलते गुजरात पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा-420 (धोखाधड़ी), धारा-406 (विश्वास भंग) और धारा-120बी (आपराधिक साजिश) के तहत FIR दर्ज की है। हालांकि, अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। पैसे जमा करने वाली एजेंसी के कुछ कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्‍होंने नवंबर 2018 से मार्च 2020 के बीच 5.24 करोड़ रुपये बैंक में जमा नहीं किए। पुलिस उपाधीक्षक वाणी दूधत ने संवाददाताओं को बताया कि पहली नजर में पता चला है कि एजेंसी के कुछ कर्मचारियों ने नवंबर 2018 से मार्च 2020 के बीच स्टैचू ऑफ यूनिटी प्रबंधन की 5,24,77,375 रुपये की राशि बैंक में जमा नहीं कराई। उन्होंने बताया कि बैंक में स्टैचू ऑफ यूनिटी प्रबंधन के दो खाते हैं। बैंक ने नर्मदा जिले के केवडिया स्थित दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति के प्रबंधन से रोजाना नकद लेकर उसे अगले दिन बैंक में जमा कराने के लिए एक एजेंसी की सेवाएं ली थी।

प्रबंधन के खाते में बैंक ने जमा की रकम

इस बीच, स्टैचू ऑफ यूनिटी प्रबंधन ने बुधवार को कहा कि बैंक ने उसके खाते में 5.24 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं। प्रबंधन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बयान में कहा, ‘यह बैंक और नकद एकत्र करने वाली एजेंसी के बीच का यह मामला है। बैंक ने पहले ही हमारी राशि खाते में जमा करा दी है।’

अक्‍टूबर 2018 में हुआ था उद्घाटन


देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है और इसे स्टैचू ऑफ यूनिटी के नाम से जाना जाता है। अक्टूबर 2018 में उद्घाटन के बाद से ही यह पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस स्मारक के साथ बना चिल्ड्रेन न्यूट्रिशन पार्क और कैक्टस गार्डन अन्य आकर्षणों में एक है। इसके साथ ही नर्मना नदी में रिवर राफ्टिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। पिछले साल दिसंबर में गुजरात के मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने विधानसभा को बताया कि स्टैचू ऑफ यूनिटी प्रबंधन ने एक नवंबर 2018 से 16 नवंबर 2019 के बीच 85.51 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया। हालांकि, नवंबर 2019 से मार्च 2020 के राजस्व संबंधी आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं।

ऐसे हुआ खुलासा

बैंक वर्ष 2003 से नकद को एकत्र कर जमा कराने के लिए एजेंसी की सेवाएं ले रहा था उसी एजेंसी को स्टैचू ऑफ यूनिटी प्रबंधन से, टिकटों की बिक्री से मिलने वाले नकद को लेकर उनके दो खातों में जमा कराने की जिम्मेदारी दी थी। उन्होंने बताया, ‘हाल में स्टैचू ऑफ यूनिटी के अधिकारियों ने लेखापरीक्षण किया और जमा पर्ची में दर्शाई राशि और खाते में जमा राशि में अतंर पाया जिसके बाद इस गबन का खुलासा हुआ।’