अनुमति लिए बिना खोला गया ब्रिज..., मोरबी हादसे पर अधिकारी का बड़ा बयान

गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने 140 साल पुराने सस्पेंशन केबल ब्रिज के रविवार को टूट जाने से 140 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मौके पर अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और कई लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। हादसे के वक्त पुल पर 400 से ज्यादा लोग मौजूद थे। ये ब्रिज पिछले कई महीनों से बंद चल रहा था, जिसे रिप्येर कर अभी पांच दिन पहले ही खोला गया था। लेकिन कहा जा रहा है कि रविवार को ब्रिज पर जरूरत से ज्यादा लोग आ गए जिस वजह से ये हादसा हो गया। अब इस हादसे पर मोरबी म्युनिसिपल चीफ ऑफिसर की ओर से बड़ा दावा किया गया है।

बिना अनुमति खोला गया ब्रिज

मोरबी म्युनिसिपल चीफ ऑफिसर संदीप सिंह झाला के मुताबिक उनसे बिना अनुमति ले ही ब्रिज खोल दिया गया था। उनकी तरफ से कोई फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया गया था। दावा तो ये भी किया गया ओरेवा कंपनी ने ब्रिज खुलवाने से पहले कोई क्वालिटी चेक नहीं करवाया था।

अब जानकारी के लिए बता दें कि ओरेवा वो कंपनी है जिसे ब्रिज की रिनोवेशन का काम सौंपा गया था। पिछले सात महीने से जो रिनोवेशन चल रही थी, वो ओरेवा कंपनी द्वारा ही की जा रही थी। 26 अक्टूबर को इसे लोगों के लिए फिर खोल दिया गया था। लेकिन पांच दिन बाद ही 30 अक्टूबर रविवार को शाम 6:30 बजे ब्रिज पर जरूरत से ज्यादा लोग पहुंच गए थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि हादसे के वक्त ब्रिज पर करीब 400-500 लोग मौजूद थे। लेकिन केबल ब्रिज इतना वजन सहन नहीं कर सका और बीच से ही टूट गया। कई लोग नदी में डूब गए, कुछ की मौके पर ही मौत हो गई तो कुछ ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। अभी भी रेस्क्यू जारी है, कई लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। कहा जा रहा है कि मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है।

बता दे, इस 140 साल पुराने ब्रिज की मरम्मत करने वाली ओरेवा कंपनी और अन्य जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 304, 308, 114 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। मोरबी के इस ऐतिहासिक पुल की मरम्मत और रखरखाव का टेंडर हाल ही में ओरेवा नाम की कंपनी को मिला था। टेंडर की शर्तों के अनुसार कंपनी को मरम्मत के बाद अगले 15 सालों तक इस पुल का रखरखाव करना था।