गुजरात के पूर्व CM माधव सिंह सोलंकी का निधन, राजनीति में KHAM थ्योरी के बल पर हासिल की थी सत्ता

गुजरात के चार बार के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता माधव सिंह सोलंकी (93) का शनिवार को निधन हो गया। वे पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता भरत सिंह सोलंकी के पिता हैं। पेशे से वकील सोलंकी 1977 में पहली बार काफी कम समय के लिए राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। पीवी नरसिम्हा राव सरकार में वे विदेश मंत्री भी रहे। गुजरात की राजनीति में उन्होंने क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम को लेकर एक नई रणनीति बनाई। इसे KHAM थ्योरी कहा जाता है। इन्हीं 4 समुदायों को साथ लेकर 1980 के दशक में सोलंकी भारी बहुमत से साथ सत्ता में आए।

गौरतलब है कि KHAM राजनीति की ताकत को देखते हुए पटेल समुदाय ने बीजेपी को बढ़ाने का फैसला किया था। सोलंकी के इस गठबंधन को जाति आधारित गठबंधनों का युग माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यहीं से जाति के आधार पर राजनीतिक दलों के एक साथ आने की शुरुआत हुई थी। साल 1981 में पटेल नेतृत्व वाली उच्च जातियों ने सरकार और ओबीसी आरक्षण के खिलाफ दो महीनों तक आंदोलन किया था।

सोलंकी क्षत्रिय समुदाय का प्रतिनिधित्व करते थे। पहली बार 1977 में वे गुजरात के सीएम बने। 1980 के विधानसभा चुनाव में 182 में 141 सीटें जीतीं। तब भाजपा को सिर्फ 9 सीटें मिलीं थीं।

''माधव सिंह सोलंकी अजेय नेता थे'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'माधव सिंह सोलंकी अजेय नेता थे। उन्होंने दशकों तक गुजरात की राजनीति में अहम किरदार निभाया। समाज को मजबूत करने के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। उनके बेटे भरत सिंह सोलंकी से बात हुई है। पूरे परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।'

मोदी ने यह भी लिखा, 'राजनीति के इतर सोलंकी को पढ़ने का भी शौक था। संस्कृति को लेकर भी वे जुनूनी थे। जब मैं उनसे मिलता था या बात होती थी, तो वे मुझे हालिया पढ़ी किताब के बारे में बताते थे। उनकी बातचीत को हमेशा संजोकर रखूंगा।'