अहमदाबाद। गुजरात के कच्छ जिले के मुंद्रा बंदरगाह पर सीमा शुल्क विभाग ने पश्चिम अफ्रीकी देशों सिएरा लियोन और नाइजर के लिए भेजे जा रहे दो निर्यात कंटेनरों से 110 करोड़ रुपये मूल्य की 68 लाख ट्रामाडोल गोलियां जब्त कीं।
सोमवार को पीआईबी की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि ट्रामाडोल हाल के दिनों में 'लड़ाकू दवा' के रूप में कुख्यात हो गई है, क्योंकि ऐसी खबरें आई थीं कि आईएसआईएस लड़ाके लंबे समय तक जागते रहने के लिए इसका सेवन करते हैं।
ट्रामाडोल, एक ओपिओइड दर्द निवारक दवा है, जिसे 2018 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत एक मनोरोगी पदार्थ के रूप में अधिसूचित किया गया था और इसका निर्यात प्रतिबंधित है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुंद्रा कस्टम्स द्वारा की गई यह जब्ती एनडीपीएस अधिनियम के तहत अधिसूचित होने के बाद से ट्रामाडोल की सबसे बड़ी जब्ती में से एक है।
मुंद्रा सीमा शुल्क की विशेष खुफिया एवं जांच शाखा द्वारा एकत्रित विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर, राजकोट स्थित एक व्यापारिक निर्यातक की दो निर्यात खेपों को रविवार को मुंद्रा बंदरगाह पर रोका गया और उनकी जांच की गई।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि आधिकारिक दस्तावेजों में व्यापारी निर्यातक ने घोषित किया है कि शिपमेंट में डिक्लोफेनाक और गेबेडोल टैबलेट हैं।
घोषित वस्तु कंटेनर के सामने के हिस्से में पाई गई, जबकि विस्तृत जांच में पाया गया कि बक्से में अघोषित दवा की पट्टियाँ थीं, जिन पर 'ट्रामेकिंग 225' और 'रॉयल-225' जैसे लेबल थे, दोनों में ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट 225 मिलीग्राम था।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि न तो स्ट्रिप्स और न ही बक्से पर निर्माता का कोई विवरण था। जांच के दौरान सीमा शुल्क अधिकारियों ने ट्रामाडोल की लगभग 68 लाख गोलियां बरामद कीं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 110 करोड़ रुपये है। इसके बाद राजकोट, गांधीनगर और गांधीधाम में तलाशी अभियान जारी है। कथित तौर पर नाइजीरिया, घाना आदि अफ्रीकी देशों
में सिंथेटिक ओपिओइड दवा की काफी मांग है।