सूरत में अंतिम संस्कार के लिए कम पड़ीं लकड़ियां, शुगर फैक्ट्रियों से मंगा रहे गन्ने के छिलके

गुजरात के सूरत शहर के श्मशान में चौबीस घंटे शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। श्मशान में 3-4 घंटों की वेटिंग चल रही है। इस कारण लकड़ियों की कमी हो गई है। अब अंतिम संस्कार के लिए शुगर फैक्ट्रियों से गन्ने के छिलके (खोई) मंगवाने पड़ रहे हैं। इन्हें लकड़ियों के बीच में भरकर शवों को जलाया जा रहा है। चीनी मिल के डायरेक्टर दर्शन नायक ने बताया कि शवों की संख्या इतनी ज्यादा है कि कई जगह एडवांस में चिताएं तैयार रखी जा रही हैं। इसी के चलते शुगर मिल से शहर और जिले के सभी श्मशानों में जरूरत के हिसाब से मुफ्त में गन्ने के छिलके भेजे जा रहे हैं। इन्हें लकड़ियों के बीच भरा जा रहा है, जिससे कि लकड़ियों की कमी को पूरा किया जा सके।

सूरत में जहांगीरपुरा श्मशान, रामनाथ घेला श्मशान और अश्वनी कुमार श्मशान घाट में जगह कम पड़ने पर लिंबायत और पाल इलाके में बंद पड़े श्मशान शुरू कर दिए गए हैं। यहां अब चौबीस घंटे कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

श्मशान में वेटिंग बढ़ने के कारण कोरोना से मरने वालों का बारडोली के श्मशान में अंतिम संस्कार कराने का निर्णय लिया गया है। सोमवार को 5 शव बारडोली भेजे गए। इसी तरह रविवार को भी 6 शव बारडोली भेजे गए थे।

सूरत शहर के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में भी हर दिन केस बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना के मामले अब रोजाना 3 हजार के करीब पहुंच गए हैं। यहां पिछले चौबीस घंटों में 2817 नए मामले सामने आए, जिससे सक्रिय मरीजों की संख्या 19884 पर पहुंच गई है। वहीं, शुक्रवार को 27 की मौत हुई। मौतों का आंकड़ा 1590 तक पहुंच चुका है। इसमें 1270 शहर के और 320 ग्रामीण के शामिल हैं।

मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ प्रतिदिन मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। न्यू सिविल और स्मीमेर के कोविड अस्पताल से शुक्रवार को 101 मृतकों का अंतिम संस्कार कोरोना गाइडलाइंस के साथ किया गया। वहीं मनपा के सरकारी आंकड़ों में कोरोना से 27 मरीजों की मौत बताई गई है।