गुड न्यूज / कोरोना के साथ जंग में गुजरात के इस शहर से मिले अच्छे संकेत, रिकवरी रेट में आया 140% का उछाल

देश में कोरोना संक्रमितों की गिनती जहां एक तरफ तेजी से बढ़ रही है वही दूसरी तरफ अच्छी खबर यह है कि देश के कई हिस्सों में कोरोना से रिकवर होने वालों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। गुजरात के अहमदाबाद में कोरोना मरीजों की रिकवरी रेट में 140% का उछाल आया है।

अहमदाबाद नगर निगम ने दावा किया है कि बीते 15 दिनों में शहर में रिकवरी रेट में 140% की बढ़ोतरी हुई है। अहमदाबाद ने गुरुवार को 24 घंटों में 25 लोगों की कोरोना से मौत होने के बीच जिले में रिकवरी रेट बढ़ने का दावा किया गया है। आईएएस राजीव गुप्ता ने बताया कि शहर में 5 मई को रिकवरी रेट 15.85% था। वहीं गुजरात का रिकवरी रेट 22.11% और भारत का रिकवरी रेट 28.62% था। उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में अहमदाबाद प्रशासन द्वारा अपनाई गई बहुस्तरीय रणनीति के कारण शहर में रिकवर होने वालों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। गुप्ता ने बताया कि गुजरात के 92% और भारत के 43% के मुकाबले अहमदाबाद में रिकवरी रेट्स में 140% की बढ़ोतरी देखी गई है। 21 मई को शहर में रिकवर होने वालों की दर 38.1% दर्ज की गई थी। वहीं, इसी दिन गुजरात में रिकवरी रेट 42.51% और भारत की रिकवरी रेट 41.06% थी। गुप्ता ने हालांकि, शहर में बढ़ते रिकवरी रेट के पीछे के कारणों को लेकर पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।

अधिकारियों ने बताया कि 15 दिनों के अंतराल में कोरोना मरीजों की रिपोर्ट देखें तो अहमदाबाद में बीमारी से ठीक होने वाले मरीजों का प्रतिशत 15% से बढ़कर 38% तक पहुंच गया। इस तरह से शहर में रिकवरी रेट में दोगुने से भी ज्यादा का सुधार हुआ है। वहीं इसके मुकाबले गुजरात राज्य में 15 दिन पहले जो रिकवरी रेट था, उसमें 92% ही बढ़ोतरी दर्ज की गई। 5 मई तक प्रदेश में 22% मरीज ठीक हो रहे थे जबकि 21 मई के आंकड़ों के मुताबिक रिकवर होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 42% हो गई।

यह बात समझने की जरूरत है कि अहमदाबाद में पिछले 15 दिनों में रिकवरी रेट में 140% की उछाल आई है। 5 मई को 15.85% रिकवरी रेट था जो 21 मई को बढ़कर 38.1% हो गया यानी इसमें 140% का उछाल आया है।

आईसीएमआर (ICMR) के नए दिशानिर्देशों से बढ़ा रिकवरी रेट

अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (एएमसी) के अधिकारियों का कहना है कि रिकवरी रेट के बढ़ने के पीछे प्रमुख कारण आईसीएमआर के नए दिशानिर्देश भी हो सकते हैं। इसके तहत अब डिस्चार्ज किए जाने से पहले मरीज का कोरोना टेस्ट करना अनिवार्य नहीं है। साथ ही इलाज के 14 दिनों के भीतर अगर मरीज में कोविड-19 से संबंधित कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देता तो उसे डिस्चार्ज किया जा सकता है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि आईसीएमआर के दिशानिर्देशों के अलावा अस्पताल के स्टाफ और कोविड केयर सेंटर्स द्वारा मरीजों की ठीक ढंग से देखभाल भी रिकवरी रेट बढ़ाने के पीछे जिम्मेदार है।

हरियाणा के झज्जर में 100% रिकवरी रेट

हरियाणा के झज्जर जिले में तो कोरोना से रिकवर होने वालों का आंकड़ा 100% पहुंचने वाला है। झज्जर में जो एक नया सामने आया है अगर उसे दें तो जिले के सभी 90 मरीजों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। झज्जर पहले तो कोरोना से बिल्कुल अप्रभावित था लेकिन अचानक से जिले में कोरोना के मामलों की संख्या बढ़कर 90 हो गई थी। अब तक जिले में कोरोना के कुल 91 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें 90 पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं।

बता दे, देश में कोरोना वायरस अब बेकाबू हो गया है। यहां संक्रमित मामले तेजी से बढ़ रहे है। बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 6,654 नए मामले सामने आए हैं, वहीं 137 लोगों की कोविड-19 से मौत हो गई है। लॉकडाउन 4.0 में भी कोरोना संक्रमण के मामले कम नहीं हो रहे हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,25,101 हो गई है। बीते 10 दिन में 49 हजार 326 मरीज बढ़े हैं। पिछले 4 दिन से लगातार 5 हजार से ज्यादा संक्रमित बढ़ रहे हैं। 19 मई को 6,154 संक्रमित, 20 मई को 5,720, 21 मई को 6,023 और 22 मई को 6,654 मरीज बढ़े। देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 69,597 है। वहीं अब तक देश में 3,720 लोगों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई है। ये आंकड़े स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए हैं।

शुक्रवार को महाराष्ट्र में एक दिन में सबसे ज्यादा 2940 मरीज मिले। केरल में मिले नए संक्रमितों में से 17 विदेश और 21 महाराष्ट्र से लौटे थे। वहीं, दिल्ली में 660, तमिलनाडु में 786, गुजरात में 363, मध्यप्रदेश में 189, उत्तरप्रदेश में 220, राजस्थान में 267, कर्नाटक में 138, बिहार में 179 और ओडिशा में 86 मरीज मिले। इनके अलावा 217 मरीज और हैं, लेकिन वे किस राज्य से हैं इसकी जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है। कोरोना संक्रमण 26 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में फैला है। इनमें से सबसे ज्यादा प्रभावित 5 राज्यों में ही 86 हजार से ज्यादा, यानी 73% मरीज हैं।