‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ : लागत 3000 करोड़ रुपये, झेल सकती है खतरनाक भूकंप के झटके, बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश के पहले गृहमंत्री रहे सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में बनाई गई दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण किया। सरदार पटेल की इस प्रतिमा का निर्माण नोएडा के शिल्पकार पद्मभूषण राम वी सुतार ने किया है। सुतार ने अपने 40 साल के करियर में 50 से अधिक प्रतिमाओं को आकार दिया है। बताया जाता है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रतिमा में पटेल का चेहरा वैसा ही दिखे जैसे वे असल में दिखते थे सुतार ने उनकी 2000 से अधिक तस्वीरों का अध्ययन किया। सुतार ने उन इतिहासकारों से भी संपर्क किया जिन्होंने पटेल को देखा था। प्रतिमा के अनावरण से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।" पीएम मोदी द्वारा प्रतिमा के अनावरण के बाद भारतीय वायुसेना के तीन विमानों ने उड़ान भर भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरा। वायुसेना के विमानों ने सरदार पटेल की प्रतिमा को सलामी भी दी। इस दौरान पीएम नेे कहा कि अगर सरदार न होते तो सोमनाथ मंदिर और गिर के शेरों और हैदराबाद की चारमीनार को देखने के लिए वीजा लेना पड़ता। यह विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। पीएम मोदी का मानना है कि जमीन से जुड़े रहे सरदार पटेल अब आसमान की भी शोभा बढ़ाएंगे।

आइये जानते हैं स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से जुड़ी बड़ी बातें...

- सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस प्रतिमा को बनाने में करीब 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। 182 मीटर ऊंची इस मूर्ति में 1,40,000 क्यूबिक मीटर्स कॉनक्रिट का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा 2000 टन ब्रॉन्ज़ शीट्स और 18,500 टन रॉड्स का भी इस्तेमाल किया गया है। करीब तीन हज़ार मजदूरों ने 33 महीनों में ये प्रतिमा बनाई है।

- 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उन्होंने साल 2010 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए इस प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। साल 2013 में इसकी नींव रखी गई थी।

- दावा किया गया है कि 'स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी' इतनी शक्तिशाली है कि 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने वाला तूफ़ान भी इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। इसके अलावा रिक्टर स्केल पर 6.5 की तीव्रता वाले भूकंप से भी इस प्रतिमा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

- दुनिया भर में 139 प्रतिमाएं ऐसी हैं जो 30 मीटर से ऊंची हैं। इनमें से 42 फीसदी भारत और चीन में बनाई गई हैं। चीन में ऐसी 34 प्रतिमा है जो 30 मीटर से ऊंची है। जबकि भारत में इसकी संख्या 25 है।

- चीन स्थित स्प्रिंग टेंपल की 153 मीटर ऊंची बुद्ध प्रतिमा के नाम अब तक सबसे ऊंची मूर्ति होने का रिकॉर्ड था। लेकिन अब सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस प्रतिमा ने उसे पछाड़ दिया है। पटेल की 182 मीटर ऊंची इस प्रतिमा की ऊंचाई ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से दोगुनी है।

- इस मौके पर रेलवे एक स्पेशल ट्रेन चलाएगी। यूनिटी एक्सप्रेस के नाम से ये ट्रेन राजकोट से अगले 12 दिनों तक चलेगी।

- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में पर्यटकों के लिए दो एलिवेटर भी लगाए गए हैं। इस पर एक बार में 200 लोग सवार हो सकते हैं। गुजरात सरकार के मुताबिक यहां एक दिन में करीब 15000 पर्यटक आएंगे।

- सरदार पटेल की मूर्ति को देखने के लिए नर्मदा जिले पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए यहां 52 कमरों वाला 'भारत भवन' भी बनाया गया है। इसक साथ ही पर्यटकों को यहां फूड कोर्ट और फूलों की घाटी के साथ-साथ बोटिंग की भी सुविधा मिलेगी।

- प्रतिमा के अंदर 135 मीटर की ऊंचाई पर एक दर्शक दीर्घा बनाई गई है, जिससे पर्यटक बांध और पास की पर्वत श्रृंखला का दीदार कर सकेंगे।

- इस मूर्ति तक आपको नाव के जरिए पहुंचना होगा। एक दैनिक अखबार के मुताबिक, इसका दीदार करने के लिए 350 रुपये फीस का भुगतान भी करना होगा। 3 से 15 साल तक के बच्चों के लिए भी टिकट की कीमत 350 रुपये ही है।