वस्तु एवं सेवा कर रिटर्न (जीएसटीआर) दाखिल करने की तिथि बढ़ाने से इनकार करते हुए सरकार ने शुक्रवार को कहा कि GSTR-3B दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर से आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। सरकार ने यह भी कहा कि रियल एस्टेट को जल्द ही जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा, जो कि कर चोरी और काले धन के उत्पादन का बड़ा क्षेत्र है।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने कई अखबारों में नोटिस प्रकाशित कर कहा, "सितंबर का जीएसटीआर-3बी दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाई नहीं जाएगी। इसलिए जल्द से जल्द अपना र्टिन दाखिल कर लें (दिवाली से पहले तक)।"
अगले हफ्ते दीवाली है, जिसे व्यापारी समुदाय में लेखांकन वर्ष का शुरुआत माना जाता है।
जीएसटीआर-3बी रिटर्न में संबंधित अवधि की खरीद-बिक्री का आकलन कर उसका विवरण डाला जाता है।
देश में एक क्षेत्र ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा कर चोरी की जाती है और नकदी कारोबार होता है और वह रियल एस्टेट है और इसे जीएसटी से बाहर रखा गया है। क्योंकि कई राज्यों ने इसे बाहर रखने का दवाब डाला था।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय में सालाना महिंद्रा व्याख्यान देते हुए कहा, "मेरा निजी तौर पर मानना है कि रियल एस्टेट को जीएसटी के अंतगर्त लाया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को नौ नवंबर को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में उठाया जाएगा।
पेट्रोलियम उत्पाद, अल्कोहल और रियल एस्टेट तीन ऐसे क्षेत्र हैं, जिन्हें जीएसटी से बाहर रखा गया है। क्योंकि कई राज्यों ने नई अखिल भारतीय अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के अंतर्गत इन क्षेत्रों को लाने का विरोध किया है।