4 मई को खुशखबरी देगी मोदी सरकार, सस्ती हो सकती हैं ये चीजें

मोदी सरकार जल्द ही आम जनता को खुशखबरी देने वाली है। जिसकी घोषणा 4 मई तक होने की उम्मीद है। दरअसल, 4 मई को GST काउंसिल की 27वीं बैठक है। GST की इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। इसमें कई जरूरी बदलाव किए जा सकते हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो GST काउंसिल की यह बैठक कर्नाटक चुनावों पर भी असर डाल सकती है। बैठक के बाद रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो सकती है। हालांकि, इस बैठक के बाद चीनी खाना या उससे बने व्यंजनों पर असर पड़ सकता है। सरकार चीनी पर 5 फीसदी सेस लगा सकती है।

MRP पर मिलेगी छूट

केंद्र सरकार जल्द ही आपको डिजिटल लेनदेन के बदले मूल्य में खास छूट का तोहफा दे सकती है। इसके अलावा डिजिटल लेनदेन कराने वाले दुकानदारों को भी बदले में कैशबैक जैसा आकर्षक लाभ मिल सकता है। इस व्यवस्था को लागू करने के एक प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, राजस्व विभाग की तरफ से तैयार किए गए इस प्रस्ताव में डिजिटल तरीके से पेमेंट करने वाले उपभोक्ताओं को अधिकतम खरीद मूल्य यानी एमआरपी पर छूट का लाभ मिलेगा। ये छूट एक बार में अधिकतम 100 रुपये तक हो सकती है। दूसरी तरफ व्यापारी को भी उसके द्वारा डिजिटल तरीके से की गई बिक्री पर कैशबैक दिया जाएगा।

GST में आएगा पेट्रोल-डीजल

पिछले दो महीने से लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम ऊंचाई पर चल रहे हैं। दिल्ली में पेट्रोल के दाम जहां 5 साल की ऊंचाई पर हैं। वहीं, डीजल की कीमतें अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच लंबे समय से इसे GST के दायरे में लाने की मांग हो रही है। लेकिन, कई राज्य इसका विरोध कर रहे हैं। क्योंकि, पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने से राज्यों को टैक्स के जरिए होने वाली कमाई पर काफी असर पड़ेगा। लेकिन, यह तय है कि जीएसटी के दायरे में आने से पेट्रोल-डीजल की कीमतें नियंत्रित होंगी और काफी हद तक घट जाएंगी। ऐसे में GST काउंसिल इस पर फैसला ले सकती है।

कारोबारियों के लिए सिंगल रिटर्न फॉर्म

जीएसटी के दायरे में आने वाले करोड़ों कारोबारियों को केंद्र सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है। इन कारोबारियों को हर महीने 3 रिटर्न फाइल करने की बाध्यता से मुक्ति मिलने वाली है। इससे कारोबारी अपना बिजनेस आसानी से कर सकेंगे। दरअसल, काउंसिल सिंगल रिटर्न फॉर्म लाने पर विचार कर रही है। इससे कारोबारियों का काम आसान होगा और हर तीन महीने में रिटर्न फाइल करने की दिक्कतों से छूटकारा मिलेगा। वहीं, इससे जीएसटी रेवेन्यू बढ़ने की भी संभावना है।

चालान का होगा ऑटो जेनरेशन


कारोबारियों के काम आसान बनाने के लिए कई तरह के विकल्प तलाशे जा रहे हैं। टैक्स भरने के नए फॉर्म में टैक्स पेमेंट करने का चालान ऑटो जेनरेट होगा। हालांकि, यह इनपुट टैक्स क्रेडिट के अलावा होगा। इसके अलावा टैक्सपेयर के पास क्रेडिट राशि को एडिट करने का ऑप्शन भी होगा।