उपचुनाव के बीच राजस्थान सरकार का बड़ा ऐलान, किसानों को दिया जाएगा 18,500 करोड़ रुपए का फसली ऋण

प्रदेश में वल्लभनगर और धरियावद में उपचुनाव होने से जिस बीच सरकार लगातार महत्वपूर्ण कदम उठा रही हैं। ऐसे में गहलोत सरकार ने मार्च 2022 तक सहकारी संस्थाओं से जुड़े किसानों को 18,500 करोड़ रुपए के फसली ऋण के वितरण का लक्ष्य रखा है, जाे पिछले साल से 2500 करोड़ रुपए अधिक है। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि सीएम अशोक गहलोत ने बजट 2021-22 में केंद्रीय सहकारी बैंकों की ओर से किसानों को 16000 करोड रु. के अल्पकालीन फसली ऋण वितरित करने की घोषणा की थी। साथ ही 3 लाख नए किसानों को राज्य सरकार की शून्य ब्याज पर फसली ऋण योजना से जोड़ने का भी ऐलान किया था। इसी क्रम में 2.40 लाख नए किसानों ने ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण/आवेदन किया गया है।

यह बीते 9 सालों में किसानों को किए जाने वाले ऋण वितरण के लक्ष्य में सबसे बड़ा इजाफा है। राज्य सरकार के अधिकृत आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 में 16 हजार करोड़ रुपए के फसली ऋण का लक्ष्य तय किया गया था। इसके विरुद्ध 26,34,355 किसानों को 15235.33 करोड़ रुपए का फसली ऋण बांटा जा चुका है।

डीएपी आपूर्ति में सुधार के लिए राज्य सरकार प्रयासरत

गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित बैठक में उर्वरकों की उपलब्धता की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों उनकी ओर से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान प्रदेश में डीएपी की पर्याप्त आपूर्ति एवं किसानों को हो रही कठिनाईयों की ओर दिलाया गया। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि पूरे देश में डीएपी उर्वरक की कमी है। हालांकि राजस्थान को पिछले 6 दिन में डीएपी की 6 रैक एवं एनपीके की 3.5 रैक मिली है। इससे किसानों को आंशिक राहत मिली है। लेकिन प्रदेश में पिछले दिनों हुई बारिश के कारण डीएपी की मांग में फिर से वृद्धि हो रही है। गहलोत ने कहा कि डीएपी की आपूर्ति सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से केन्द्रीय उर्वरक मंत्रालय से लगातार संपर्क कर अक्टूबर में एक लाख दस हजार मैट्रिक टन डीएपी राजस्थान को उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया है।