राजस्थान के किसानों को मिली खुशखबरी! 15 साल बाद सरकार खरीदने जा रही 50 हजार मीट्रिक टन चावल

किसानों के हाल बदहाल हैं जिसमें सरकारों का साथ मिलना बहुत जरूरी हैं। ऐसे में राजस्थान के किसानों को खुशखबरी मिल रही हैं जहां 15 साल बाद सरकार किसानों से 50 हजार मीट्रिक टन चावल खरीदने जा रही हैं। राजस्थान में 2005-06 में मात्र 35 मीट्रिक टन चावल खरीदा गया था। इसके बाद कम सप्लाई की वजह से खरीदने की प्रक्रिया बंद हाे गई। इसके लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने गंगानगर में 5 और हनुमानगढ़ के 6 मिलाकर 11 सेंटर बनाने की योजना बनाई हैं। FCI 28 अक्टूबर से हनुमानगढ, गंगानगर में चावल खरीदकर मिलिंग कराएगी। काॅमन चावल की रेट 1940 रुपए प्रति क्विंटल और ए-ग्रेड चावल की रेट 1960 रुपए प्रति क्विंटल रखी गई है। इससे पहले किसान पंजाब, हरियाणा जाकर चावल बेचते थे।

एफसीआई से मिली जानकारी के अनुसार माल किसानों से डायरेक्ट खरीदा जाएगा। किसानों से माल खरीदने के नियमों में बदलाव की वजह से भी डिमांड आई है। इसमें किसानों की गिरदावरी अनिवार्य करते हुए और उसके हिसाब से माल खरीदने और किसानों के खाते में डायरेक्ट पैसा डालने के नियमों की वजह से यहां के किसानों द्वारा माल यहीं बेचा जा रहा है। पहले किसान दूसरे राज्यों में जाकर चावल बेचते थे। पहले हनुमानगढ़ में बासमती चावल भी उगाया जाता था। क्वालिटी कमजोर हाेने और भाव नही मिलने से लाेग वापस परमल की तरफ लाैट आए।

परमल चावल फोर्टिफाई करवाने के बाद राजस्थान में ही बांटा जाएगा। एफसीआई द्वारा बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) और मिड डे मील कार्यक्रमों में भेजा जाएगा। एफसीआई सूत्रों के अनुसार चावल काे खरीदने के बाद विभिन्न मीलाें में मिलिंग हाेगी। जिसमें छिल्का उतारकर आगे भेजा जाएगा। फिर चावल में माइनर न्यूट्रीशंस मिलाकर फोर्टिफाई किया जाएगा। इसके बाद राजस्थान के विभिन्न जिलाें में सप्लाई हाेगा।