जयपुर : रेलवे संपत्तियों को बेचकर सरकार करेगी 6 लाख करोड रुपए अर्जित! रेलकर्मियों ने किया विरोध-प्रदर्शन

रेलवे देश की बहुत बड़ी संस्था हैं जिसमें लाखों कर्मचारी कार्यरत हैं। सरकार द्वारा रेलवे का निजीकरण करते हुए पीपीपी मोड पर बेचने की घोषणा की गई हैं। इससे कर्मचारियों में इसका भारी आक्रोश हैं और वे विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते दिन जयपुर में 1100 और देशभर के सभी बड़े स्टेशनों पर करीब 15 हजार रेलकर्मियों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में यूनियन पदाधिकारी मंडलमंत्री आरके सिंह, केएस अहलावत सहित बड़ी संख्या में रेलकर्मी मौजूद रहे।

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉइज यूनियन के मंडल अध्यक्ष मुकेश चतुर्वेदी और संयुक्त सचिव सुभाष पारीक ने बताया कि इसके विरोध में ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा और सहायक महामंत्री व यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर के आव्हान पर जयपुर में स्टेशन सहित अलग-अलग जगह पर जयपुर स्टेशन, मुख्यालय, डीआरएम ऑफिस, सभी ब्रांच ऑफिस में प्रदर्शन किया गया।

माथुर ने बताया कि सरकार ने इससे पूर्व संसद में और अनेक खुले मंचों पर रेलवे का निजीकरण नहीं करने की बात कही थी और अब वित्त मंत्री द्वारा मौद्रीकरण की घोषणा करके राष्ट्रीय सम्पदा और भारतीय रेल को बेचने का रोडमेप दिखाया है। रेल की संपत्तियों को बेचकर 6 लाख करोड रुपए अर्जित किए जाएंगे। 2021-22 में 40 स्टेशन, 2022-23 में 120 स्टेशन, 2023-24 में 120 स्टेशन और 2024-25 में 120 स्टेशन सरकार द्वारा बेचने का प्रावधान है। 90 ट्रेन प्राइवेट पार्टियों को बेचने का लक्ष्य है। जिसमें 2023 में 30, 2024 में 30, और 2025 में 30 ट्रेन निजी हाथों में सौंपी जाएंगी।