बारां : अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए तीन साल से सरकारी ऑफिसों के चक्कर लगा रहा वृद्ध

बारां जिले के छीपाबड़ौद क्षेत्र से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया हैं जहां एक वृद्ध को खुद को जिंदा साबित करने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही हैं और वो तीन साल से सरकारी ऑफिसों के चक्कर लगा रहा हैं। उसके बाद भी उसे कागजों में जिंदा नहीं किया जा रहा है। पीड़ित की पहचान रतन लाल बंजारा के रूप में हुई हैं। उसको परवन परियोजना के कागजों में मृत बता दिया गया। विधायक प्रताप सिंह सिंघवी का कहना है की परवन परियोजना की लापरवाही और मुआवजे वितरण में भ्रष्टाचार के कारण मालोनी गांव के रतन लाल बंजारा को मृत घोषित कर दिया। यह घोर लापरवाही है, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

रतन लाल बंजारा ने बताया कि उसकी कोई अधिकारी सुनने को तैयार ही नहीं है। परवन परियोजना के कागजों में मृत घोषित करने के कारण उसे आवास और अन्य मुआवजे नहीं मिल रहे है। इसके लिए वह तीन साल से जिंदा होने के सबूतों के साथ अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर है। हालांकि, उसे हर महीने वृद्धावस्था पेंशन मिल रही है। विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, कलेक्टर सहित विभागों के चक्कर काट चुका है, लेकिन परवन सिंचाई परियोजना की मुआवजे की लिस्ट में उसे मृत बता दिया। ऐसे में अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए चक्कर काट रहा है।