IRCTC में OFS के जरिए हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में मोदी सरकार, विनिवेश विभाग ने मंगाई बोली

वित्त वर्ष यानी 2020-21 में विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने के लिए मोदी सरकार अब इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) में अपनी और हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। सीएनबीएसी-आवाज की एक रिपोर्ट के अनुसार, विनिवेश विभाग ने IRCTC में हिस्सेदारी बेचने के लिए मर्चेंट बैंकर और सेलिंग ब्रोकर्स की नियुक्ति शुरू कर दी है। यह बिक्री OFS के द्वारा की जाएगी। ओएफएस के लिए प्री-बिड मीटिंग हो चुकी है और अब बिडिंग प्रक्रिया 11 सितंबर से शुरू हो सकती है। बता दे, पिछले साल IRCTC का आईपीओ आने के बाद वैसे ही इसमें सरकार की हिस्सेदारी घटकर 87.40% रह गई थी। IRCTC की शेयर बाजार में एंट्री अक्टूबर 2019 में हुई थी। 320 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले शेयर 626 रुपये के भाव पर लिस्ट हुआ। बुधवार को शेयर 1363 रुपये के भाव पर बंद हुआ। गौरतलब है कि सितंबर 2019 में आए आईपीओ के द्वारा सरकार ने IRCTC में अपनी हिस्सेदारी 12.6% घटा दी थी। पहले रेलवे के द्वारा सरकार की इसमें 100% हिस्सेदारी थी।

आईआरसीटीसी (IRCTC) भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी है। आईआरसीटीसी ट्रेनों में सफर करने वाले लोगों की ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग के साथ ही यात्रा के दौरान भोजन आदि भी व्यवस्था करती है। इसके अलावा, इसी कंपनी द्वारा देश में प्राइवेट ट्रेनों का संचालन भी किया जाता है। IRCTC Asia-Pacific की व्यस्ततम वेबसाइट में शामिल है। इसके जरिए हर महीने 2.5-2.8 करोड़ टिकट बिक्री होती है। रोजाना इसकी वेबसाइट पर 7 करोड़ login होते हैं।

क्या होता है OFS रूट

ऑफर फॉर सेल यानी ओएफएस रूट के द्वारा कोई लिस्टेड कंपनी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर खुद ही शेयर बेचती है। यह एक विशेष विंडो है जिसकी सुविधा सिर्फ टॉप 200 कंपनियों को ही मिलती है। इसमें कम से कम 25% शेयर म्यूचुअल फंड या बीमा कंपनियों जैसे संस्थागत निवेशकों के लिए रिजर्व रखने होते हैं।