सरकार ने बैंकों से कहा, दिवालिया होने से बचा लो जेट एयरवेज को

जेट एयरवेज (Jet Airways) के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। एक तरफ जहां इंजीनियर्स ने सुबह के वक्त उड़ान में जोखिम होने की बात कही थी, वहीं शाम को पायलटों ने भी सैलरी का भुगतान न होने पर 1 अप्रैल से सभी उड़ानों को बंद करने की धमकी दे दी है। वही जेट एयरवेज को दिवालिया प्रक्रिया में भेजे जाने को लेकर सरकार ने सरकारी बैंकों से कहा की इसकी मदद की जाए। प्रशासन से जुड़े दो लोगों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि आम चुनाव से ठीक पहले हजारों लोगों की नौकरी जाए ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) नही चाहते है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल वित्त मंत्रालय ने जेट एयरवेज की वित्तीय स्थिति स्टेट को लेकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में बैंकों से नियमित जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था। हाल के महीनों में बैंकों ने रिवाइवल प्लान के बारे में साप्ताहिक रूप से जानकारी दी है और सरकार से भी सलाह मांगी है। नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर जेट के एक कर्जदाता ने कहा, 'वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस मुद्दे पर नियमित अपडेट चाहते हैं।'

टैक्सपेयर्स के पैसों से एक प्राइवेट सेक्टर कंपनी को दिवालिया होने से बचाने के दुलर्भ मामले में सरकार ने बैंकों से कर्ज को इक्विटी में बदलने और जेट में हिस्सेदारी लेने को कहा है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि यह अस्थायी होगा और जेट की स्थिति सुधरने के बाद कर्जदाता हिस्सेदारी बेच सकते हैं। कंपनी 1 अरब डॉलर से अधिक के कर्ज के बोझ में दब चुकी है और लगातार उड़ानों को रद्द कर रही है।

केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों को जेट एयरवेज द्वारा अपने विमानों को खड़ा करने (ग्राउंडिंग) के मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने के लिए कहा है। मंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'एमओसीए के सचिव को जेट एयरवेज के विमानों को खड़ा करने, अग्रिम बुकिंग, कैंसिलेशन, रिफंड और सुरक्षा मुद्दों को लेकर आपात बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं।' उन्होंने कहा, 'इस बाबत सचिव को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से तत्काल रिपोर्ट मांगने के लिए भी कहा है।'

इससे एक दिन पहले जेट एयरवेज ने आबू धाबी में अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया था, जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपने पट्टेदारों का बकाया नहीं चुकाया है, जिस वजह से विमानन कंपनी लगातार अपने विमानों का परिचालन बंद कर रही है। कंपनी ने अब तक अपने 40 से अधिक विमान खड़े कर दिए हैं। कंपनी के सूत्रों ने बताया कि विमानन कंपनी ने अपने 123 विमानों में से 50 प्रतिशत का परिचालन बंद कर दिया गया है। इससे पहले सोमवार को भी इसी तरह से जेट एयरवेज ने बीएसई को सूचित किया था कि पट्टेदारों के बकाया राशि को नहीं चुकाने की वजह से उसने अपने चार विमानों के परिचालन को बंद कर दिया है।

बता दे, जेट एयरवेज के पायलटों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 31 मार्च तक समाधान प्रक्रिया पूरी नहीं हुई और वेतन भुगतान में देरी हुई तो एक अप्रैल से वह विमान उड़ाना बंद कर देंगे। डीजीसीए ने कहा इस समय केवल 41 विमान ही परिचालन के लिये उपलब्ध हैं जबकि एयरलाइन के पास कुल 119 विमान हैं। जेट एयरवेज की स्थिति तेजी से बदल रही है, आने वाले सप्ताहों में और उड़ाने निरस्त हो सकतीं हैं। जेट एयरवेज के इंजीनियरों ने डीजीसीए को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें वेतन नहीं मिल रहा जिससे मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है। यह स्थिति उड़ान की सुरक्षा के लिए जोखिम है। कंपनी के एयरक्राफ्ट मेंनटेनेंस इंजीनियर्स एसोसिएशन ने डीजीसीए से तीन महीने का बकाया वेतन दिलाने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की है। कंपनी में अभी 560 इंजीनियर्स हैं, जो 100 से ज्यादा विमानों का रखरखाव देखते हैं।