फेसबुक के बाद अब गूगल प्लस के पांच लाख यूजर के डाटा चोरी होने की खबर है। जिसके बाद गूगल ने बड़ा फैसला लिया है। उसने अपने शल मीडिया नेटवर्क गूगल+ (गूगल प्लस) को बंद करने का ऐलान किया है। बताया जाता है कि इसके सिस्टम में पिछले दो साल से पड़ा एक बग जासूसी कर रहा था। कंपनी ने सोमवार को एक ब्लॉग में लिखा कि इस साल मार्च में इस बग का पता चलने के बाद उसे दुरुस्त कर लिया गया था।
गूगल ने कहा है कि इस सोशल नेटवर्किंग साइट को बंद करने से पहले उसने उस बग को ठीक कर लिया था। अमेरिका की दिग्गज इंटरनेट कंपनी ने कहा कि उपभोक्ताओं के लिए ‘गूगल+ ’ का सूर्यास्त हो गया। यह सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक को चुनौती देने में विफल रही थी।
गूगल के एक प्रवक्ता ने ‘गूगल+’ को बंद करने की मुख्य वजह बताते हुए कहा कि गूगल+ को बनाने से लेकर प्रबंधन में काफी चुनौतियां थी जिसे ग्राहकों के आशा के अनुरूप तैयार किया गया था लेकिन इसका कम इस्तेमाल किया जाता था। यही इसके बंद होने की वजह है।
ब्लॉग में यह भी बताया गया है कि इसमें यूजर के डाटा से छेड़छाड़ का कोई प्रमाण नहीं मिला है। न ही इस बग के बनाने वाले ने इनका कोई दुरुपयोग किया है। हालांकि इसकी खबर बाहर आने के बाद गूगल प्लस की मूल कंपनी अल्फाबेट इंक के शेयरों में 2.6 प्रतिशत की गिरावट आ गई। पहले गूगल ने नियामक की छानबीन के डर से इस मामले का खुलासा न करने का फैसला किया था। गूगल ने एक बयान में कहा, 'हमें इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि किसी डेवलपर को बग के बारे में जानकारी थी या उन्होंने एपीआई का दुरुपयोग किया। किसी प्रोफाइल के डेटा के दुरुपयोग का भी कोई सबूत नहीं है।'
इस मामले में गूगल की लीगल और पॉलिसी स्टाफ टीम ने एक मीमो तैयार किया और इसे कंपनी के सीनियर एक्जीक्यूटिव्स के साथ शेयर किया। इसमें चेतावनी दी गई थी कि मामले के खुलासे से बुरा असर पड़ेगा। फेसबुक लीक से इसकी तुलना होगी और फिर कई सारी जांच शुरू हो सकती है। इस बारे में गूगूल के सीईओ सुंदर पिचाई को भी सूचना दे दी गई।