वैश्विक कारणों को वजह से हो रही है रुपये में लगातार गिरावट : अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली Arun Jaitley ने बुधवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि रुपये में गिरावट वैश्विक कारकों की वजह से है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एनडीए सरकार के कार्यकाल में बैंकिंग की दुनिया में क्रांतिकारी परिवर्तन आए हैं। बड़ी संख्या में गरीब, मजदूर वर्ग के लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा गया है। समाज के निम्न वर्ग को स्वास्थ्य तथा बीमा योजना से जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने का काम किया गया है। अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में बुधवार को लगातार छठे दिन गिरावट का सिलसिला कायम रहा। रुपया 17 पैसे और टूटकर 71.75 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। पिछले छह कारोबारी सत्रों में रुपया 165 पैसे टूट चुका है।

जेटली ने कहा कि डॉलर लगभग सभी मुद्राओं की तुलना में मजबूत हुआ है। वहीं दूसरी ओर रुपया मजबूत हुआ है या सीमित दायरे में रहा है। उन्होंने कहा कि रुपया कमजोर नहीं हुआ है। यह अन्य मुद्राओं मसलन पाउंड और यूरो की तुलना में मजबूत हुआ है। उन्होंने बताया कि बीते चार सालों के दौरान पूरी दुनिया में 51.5 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं, जिनमें से 32.41 करोड़ खाते अकेले भारत में जनधन योजना के तहत खोले गए हैं। इसका उद्देश्य यह था कि आम आदमी को बैंकों से जोड़ा जाए। इन खातों में 81,200 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। इनमें से 53 फीसदी खाते महिलाओं के हैं और 59 फीसदी खाते ग्रामीण तथा कस्बाई इलाकों में खोले गए हैं। 83 फीसदी खातों को आधार से जोड़ा गया है और 24.4 करोड़ लोगों के पास रूपे कार्ड हैं। जनधन खाते खोलने वालों को दो लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा। इस योजना से डिजिटल लेनदेन भी बढ़ा है।

पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतें, उत्पाद शुल्क में कटौती के कोई संकेत नहीं

- जेटली ने पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों में राहत देने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती के कोई संकेत नहीं दिए।
- उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उतार-चढ़ाव हो रहा है और इनमें कोई तय बदलाव नहीं दिख रहा है।
- अरुण जेटली ने कांग्रेस शासनकाल के दौरान पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों की सुषमा स्वराज और उनके खुद के द्वारा की गई आलोचना का बचाव करते हुए कहा कि उस समय मुद्रास्फीति दहाई अंकों में थी। यदि हम उस समय आलोचना नहीं करते तो यह कर्तव्यों से विमुख होना होता। - उन्होंने कहा कि भारत कच्चे तेल का शुद्ध खरीदार है और जब इसकी कीमतें अल्पकालिक तौर पर भी ऊपर जाती हैं, भारत पर गहरा प्रतिकूल असर होता है। उन्होंने इन्हें बाह्य कारक करार दिया।
- जेटली ने कहा, 'कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में कोई स्पष्ट नियमित बदलाव नहीं होता है। ये ऊपर जाती हैं और गिर जाती हैं। अप्रैल और मई में काफी दबाव रहा था। जुलाई में ये नीचे आईं और अगस्त में ये पुन: चढ़ गईं। पिछले दो दिनों में इनमें सुधार देखा गया है।' उनसे पेट्रोल-डीजल की सर्वकालिक ऊंची कीमतों तथा इनमें कटौती की विपक्ष की मांग के बारे में पूछा गया था।

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना

- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना बीपीएल के लिए है। इस योजना के तहत 7.5 करोड़ रुपये का बेनिफिट खातों में ट्रांसफर किया गया है।
- अरुण जेटली ने बताया कि इस योजना के तहत 31 जनवरी, 2015 तक खोले गए खातों में खाताधारक को 30 हजार रुपये का बीमा मिलता था। बीमा योजना का 4981 लोगों ने फायदा उठाया है।
- जनधन योजना के तहत 5 हजार के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा थी, जिसे बढ़ाकर अब 10 हजार रुपये किया जाएगा। पैसा निकालने की शर्तों में भी बदलाव किया गया है।
- प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 1 रुपये महीने में 1 लाख रुपये का जीवन बीमा मिलता था, इसका 13.98 फीसदी (लगभग 14 करोड़) लोगों ने उसका फायदा उठाया।

जारी रहेगी अटल पेंशन योजना

- जीवन ज्योति योजना (12 रुपये वाली) में 5.47 फीसदी (1.10 लाख) क्लेम हो चुके हैं। दोनों योजनाओं को मिलाकर 2600 करोड़ रुपये की बीमा राशि का भुगतान किया जा चुका है।
- वित्त मंत्री ने बताया कि अटल पेंशन योजना में 1.11 लाख लोगों शामिल हुए हैं।
- अगस्त 2018 में यह योजना खत्म हो गई है। कैबिनेट ने फैसला लिया है कि अब इस योजना को आगे बढ़ाया जाएगा। अब 18 से 65 वर्ष तक लोग अटल पेंशन योजना की सुविधा ले सकते हैं। अभी तक यह योजना 18 से 60 वर्ष तक की आयु के लोग इसका फायदा ले सकते थे। इसकी टर्म और कंडीशन में और बदलाव किए जाएंगे।