कोरोना वैक्सीनेशन बढ़ने के साथ ही लैंगिक असमानता का अंतर हुआ कम, गर्भवती महिलाएं नहीं लगवा रहीं टीका

कोरोना के इस दौर में ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन होना जरूरी हैं ताकि कोरोना की तीसरी लहर के अंदेशे को समाप्त किया जाए। बीते कुछ दिनों से कोरोना वैक्सीनेशन में तेजी आई हैं और वैक्सीन लगने का आंकड़ा 87 करोड़ को पार कर चुका हैं। कई मौके तो ऐसे आए जब एक ही दिन में एक करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई गई। वैक्सीनेशन बढ़ने के साथ ही टीकाकरण में जो लैंगिक असामनता दिखाई दे रही थी उसका अंतर भी कम हुआ हैं।

दरअसल, पहले जून के पहले सप्ताह में स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण में 15 फीसदी लैंगिक असमानता की दर की बात मानी थी। उस दौरान 1000 पुरुषों पर महज 855 महिलाएं ही टीका लगवाने स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंच रही थीं। लेकिन अब स्थिति में काफी तेजी से सुधार हुआ है। अब 1000 पुरुषों पर 919 महिलाएं कोरोना का वैक्सीन ले चुकी हैं। यह बदलाव 27 जून से 27 सितंबर के बीच तेजी से आया है।

गर्भवती महिलाएं नहीं लगवा रहीं टीका

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोना टीकाकरण को लेकर गर्भवती महिलाओं में जागरूकता काफी सीमित है। देश में करीब दो लाख से कम गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण हुआ है, जबकि संक्रमण का जोखिम काफी है। ऐसे में जरूरी हैं कि गर्भवती महिलाओं को इसके प्रति जागरूक किया जाए।