युवाओं के लिए विदेश से वैक्सीन लाने की तैयारी में गहलोत सरकार, फाइजर और स्पुतनिक पर निगाहें

कोरोना के इस बुरे दौर में संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए वैक्सीन अभियान तेजी से होना जरूरी हैं। देशभर में सबसे ज्यादा वैक्सीन भले ही राजस्थान में लगाई गई हो लेकिन वैक्सीन की कमी के चलते हालात ऐसे हैं कि 9 दिन में केवल 3.21 लाख युवाओं का वैक्सीनेशन हो पाया हैं। प्रदेश में 18 साल से 44 साल के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए देश में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीनेशन नहीं मिलने पर गहलोत सरकार अब विदेश से वैक्सीन लाने की तैयारी कर रही हैं। राजस्थान सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट को 3.75 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया था, लेकिन अब तक उसका एक फीसदी ही सप्लाई हुआ है। आगे भी सीरम इंस्टीट्यूट बल्क में सप्लाई करने की हालत में नहीं है, क्योंकि वैक्सीन का प्रोडक्शन मांग के मुकाबले कम है। इसलिए राजस्थान सरकार विदेश से वैक्सीन आयात करने की तैयारी शुरू की है। गहलोत सरकार वैक्सीन के आयात का ब्ल्यू प्रिंट तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग और कोर ग्रुप के अफसरों को कोरोना वैक्सीन के विदेशों से आयात की तैयारी शुरू करने के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने कवायद शुरू कर दी है।

फिलहाल अमेरिका की फाइजर और रूस की स्पुतनिक वैक्सीन के आयात की संभावना तलाशी जा रही है। राजस्थान सरकार के अफसर अमेरिका और रूस की कंपनियों से संपर्क कर रहे हैं। एक दो दिन में वैक्सीन आयात पर स्थति साफ हो जाएगी। राजस्थान सरकार इसके लिए ग्लोबल टेंडर जारी करने की तैयारी भी कर रही है। यूपी सरकार ने भी एक दिन पहले वैक्सीन आयात के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला है। मुख्यमंत्री ने कल रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से भी वैक्सीन के आयात करने की तैयारियों के बारे में बताया था। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा जिस भी देश से बल्क में वैक्सीन मिल जाए, हम लेने को तैयार हैं। अफसरों को निर्देश दिए हैं कि वे बल्क में वैक्सीन आयात करने की संभावना तलाश कर ग्लोबल टेंडर की तैयारी शुरू करें। हम हमारी युवा आबादी का समयबद्ध वैक्सीनेशन करना चाहते हैं।

9 दिन में केवल 3.21 लाख युवाओं का वैक्सीनेशन

प्रदेश में 1 मई से 18 साल से ऊपर वालों का वैक्सीनेशन तो शुरू हो गया, लेकिन इसकी रफ्तार बहुत सुस्त है। 9 मई तक प्रदेश में 18 से 44 साल एज ग्रुप वाले केवल 3.21 लाख को ही वैक्सीन लगी है। युवाओं का वैक्सीनेशन का खर्च राजस्थान सरकार उठा रही है। सीरम इंस्टीट्यूट से राजस्थान सरकार को नाम मात्र की सप्लाई मिल रही है। एक दो दिन में 4 लाख डोज और मिलेंगे, लेकिन यह सप्लाई बहुत कम है। इस रफ्तार से तो वैक्सीनेशन में सालों लग जाएंगे। देश में वैक्सीन की बल्क सप्लाई की संभावना कम है इसलिए राजस्थान सरकार विदेशों का रुख कर रही है।

विदेश से वैक्सीन आयात करने पर जीएसटी से भी छूट

देश में बनी वैक्सीन पर 5 फीसदी जीएसटी लग रहा है। विदेश से आयात करने पर राजस्थान सरकार को जीएसटी नहीं देनी होगी। हाल ही विदेश से आयात होने वाली कोरोना वैक्सीन को जीएसटी और आयात पर लगने वाले हर तरह के टैक्स से मुक्त किया गया है।