किसान आंदोलन : गहलोत-पायलट ने साधा मोदी, शाह और संघ पर निशाना

किसान आंदोलन के समर्थन में रविवार को शहीद स्मारक पर कांग्रेस ने धरना दिया। इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक मंच पर नजर आए। प्रदेश में सियासी संकट के बाद 13 अगस्त को दोनों एक साथ नजर आए थे उसके 4 महीने बाद अब दोनों फिर से एक साथ नजर आए हैं। धरना स्थल पर पहले पायलट पहुंचे और उनके बाद अशोक गहलोत।

गहलोत के मंच पर पहुंचने के बाद पायलट ने खड़े होकर उनका अभिवादन भी किया। गहलोत मंच पर बैठे तो उनके बांयी तरफ डोटासरा व दांयीं तरफ पायलट बैठे। दूसरी तरफ गहलोत समर्थित मंत्री प्रताप सिंह व सचिन पायलट के मंच पर एक साथ होते हुए भी दोनों के बीच अभिवादन होने में भी काफी समय लग गया। हालांकि पायलट और गहलोत एक मंच पर तो दिखे लेकिन दोनों के खेमों में तल्खियां भी नजर आईं।

गहलोत ने अपने भाषण में नाकारा और निकम्मा शब्द का इस्तेमाल किया। हालांकि इस बार ये शब्द उन्होंने केंद्र सरकार के लिए इस्तेमाल किए लेकिन सियासी संकट के दौरान यही शब्द उन्होंने पायलट के लिए भी इस्तेमाल किए थे। वहीं निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने भी पायलट पर तंज कसा। उन्होंने अपने संबोधन में गहलोत सरकार के सियासी संकट का जिक्र भी किया।

मुख्यमंत्री बोले- किसान कहेंगे तो हम बाॅर्डर पर भी जाएंगे

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार को नकारा बताया और कहा कि यह फासीवाद सरकार देश को बर्बाद करना चाहती है। उन्होंने कहा कि बार-बार अपील करने के बावजूद केंद्र सरकार पर कोई असर नहीं होता। पूछा कि किसानों की किस्मत का फैसला करने का केंद्र को क्या अधिकार है। वक्त आने पर मोदी व शाह की गलतफहमी निकल जाएगी। देश का किसान बहुत समझदार है और शांति के साथ प्रदर्शन कर रहा है।

गहलोत बोले कि जो अंग्रेजों के लिए मुखबिरी करते थे वे आज पूछते हैं कि कांग्रेस ने 70 साल में देश के लिए क्या किया। उन्होंने कहा कि भाजपा व संघ देश को हिंदू-मुस्लिम में बांट रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह धरना किसानों को संदेश देने का है कि प्रदेश के सभी कांग्रेसी आपके साथ हैं। उन्होंने कहा कि किसान आव्हान करेंगे तो हम बॉर्डर पर भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगले 7 दिन सभी विधायक अपने क्षेत्रों में जाएंगे।

नेकर पहनकर नागपुर से भाषण देना राष्ट्रवाद नहीं : पायलट

पायलट ने कृषि कानूनों के साथ संघ पर भी तीखा हमला बोला। पायलट बोले नेकर पहनकर नागपुर से भाषण देना राष्ट्रवाद नहीं। देश के इतिहास में कुछ ऐसे मोड़ आते हैं जो निर्णायक हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र ने घमंड और तानाशाही से कृषि कानून पास करवाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार यह नहीं बता सकती कि इस कानून की मांग किसने की। पायलट बोले कि किसान के साथ खड़ा होना राजनीति है, तो हम ये राजनीति करते रहेंगे।