Covishield के 2 डोज के बीच समय सीमा बढ़ाने की सिफारिश, कोवैक्‍सीन की खुराक में कोई बदलाव नहीं

नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) ने कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड (Covishield) के दो डोज के बीच गैप बढ़ाने की सिफारिश की है। सिफारिश में कहा गया है कि कोवीशील्ड के डोज के बीच का अंतर 12 से 16 हफ्ते कर दिया जाए। फिलहाल 6 से 8 हफ्ते के अंतराल में कोवीशील्ड के दो डोज लगाए जा रहे हैं। पैनल ने साफ किया कि कोवैक्सिन (Covaxin) के मामले में किसी भी तरह के बदलाव की सिफारिश नहीं की गई है। आपको बता दे, पहले भी कोविड-19 की रोकथाम को लगाई जाने वाली वैक्‍सीन की दो खुराकों में अंतराल को बढ़ाया था। शुरुआत में कोवीशील्ड के दोनों डोज के बीच 4 से 6 हफ्ते, यानी 28 से 42 दिन का अंतर रखा जाता था। इसके बाद इसे बढ़ाते हुए 6 से 8 हफ्ते यानी 42 से 56 दिन कर दिया गया था। नया नियम सिर्फ कोवीशील्ड वैक्सीन पर लागू हुआ था। अब एक बार फिर से विश्‍व भर में इस डोज के अंतराल को बढ़ाए जाने की चर्चा जोरों पर चल रही है।

सरकार के पैनल की तरह से इस तरह से ये सिफारिश उस समय सामने आई है जब एक नई स्‍टडी में इस तरह का दावा किया गया था कि यदि कोविड-19 वैक्‍सीन की दोनों खुराकों के बीच अंतराल को बढ़ा दिया जाए तो इससे होने वाली मौतों को भी कम किया जा सकता है।

पैनल ने यह भी सुझाव दिया है कि ऐसे लोग जो कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, उन्हें 6 महीने तक वैक्सीनेशन नहीं कराना चाहिए। इसी के साथ पैनल ने प्रेग्नेंट महिलाओं को वैक्सीन के बारे में चॉइस देने की सिफारिश की है। वहीं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी वैक्सीन लगवा सकती हैं। हालांकि, सरकार की मंजूरी के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।

ब्रिटेन ने 12 सप्‍ताह का अंतर करने का फैसला लिया

ब्रिटेन ने अपने यहां पर दो खुराकों के बीच 12 सप्‍ताह का अंतर करने का फैसला लिया है। खबर में कहा गया है कि वहां पर कोरोना वैक्‍सीन की पहली डोज के बाद करीब 80% मौतों को कम किया गया है। इसके अलावा संक्रमण की रफ्तार भी करीब 70% तक कम हुई है।

रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, फाइजर कंपनी का ये भी कहना है कि दो खुराक के बीच समय सीमा को बढ़ाने का असर 65 वर्ष से कम उम्र के लोगों पर भी दिखाई दे सकता है। कंपनी ने ये भी साफ किया है कि इसके बेहद परिणाम के लिए कुछ अनुकूल परिस्थितियों का होना बेहद जरूरी है। हालांकि, कंपनी ने साफ किया है कि उनके पास फिलहाल इसको लेकर न तो कोई पुख्‍ता सुबूत है और न ही कोई डाटा ही है। यही वजह है कि फाइजर ब्रिटेन से आने वाली खबरों को आधार बनाकर ये बात कह रही है।