हम ‘मेक इन इंडिया’ से ‘रेप इन इंडिया’ की तरफ जा रहे: अधीर रंजन चौधरी

लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहते है। हाल ही में उन्होंने संसद में एक बहस के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 'निर्बला' कह दिया था, जिस पर काफी हंगामे के बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी। वही आज एक बार फिर उन्होंने विवादित बयान दिया है। महिलाओं के खिलाफ अपराध पर सरकार को घेरते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा- दुर्भाग्य है कि जो प्रधानमंत्री हर मामले पर बोलते हैं, वे महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को लेकर चुप हैं। अब भारत ‘मेक इन इंडिया’ से ‘रेप इन इंडिया’ की ओर बढ़ रहा है। बता दे, इससे पहले पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत को दुनिया का रेप कैपिटल बताया था।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हिंदुस्तान में कठुआ से उन्नाव तक हर दिन एक के बाद एक सामूहिक रेप की घटना और पीड़िताओं को जलाने की घटनाएं घटती हैं। रोजाना 106 रेप की घटनाएं होती हैं। 10 में से 4 नाबालिग होती हैं। 4 घटनाओं में से सिर्फ में 1 सजा मिलती है। हमारे सदन में उन्नाव पर चर्चा हुई है, लेकिन झुलसी हुई उस महिला की मौत हो गई। हम सब शर्मिंदा हैं।

इससे पहले अधीर रंजन ने पूछा कि कश्मीर में सामान्य हालात किसे कहते हैं, अभी वहां कितने नेता जेल में हैं, इस बारे में जानकारी दी जाए। इस पर शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात बिल्कुल सामान्य हैं, लेकिन मैं कांग्रेस के हालात नॉर्मल नहीं कर सकता।

शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद कांग्रेस ने वहां खून की नदियां बहने की बात कही थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। घाटी में एक भी गोली नहीं चली है।

हम कांग्रेस का अनुसरण नहीं करना चाहते: शाह

अमित शाह ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं को एक अतिरिक्त दिन भी जेल में नहीं रखना चाहते। जब प्रशासन को लगेगा कि सही समय आ गया है, राजनीतिक नेताओं को रिहा कर दिया जाएगा। फारूक अब्दुल्ला के पिता को कांग्रेस ने 11 साल जेल में रखा था। हम उनका अनुसरण नहीं करना चाहते। जैसे ही प्रशासन तय करेगा, उन्हें छोड़ दिया जाएगा।

बता दे, अधीर रंजन चौधरी अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में घिर जाते हैं। एनआरसी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश में पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को घुसपैठिया बता दिया था। इससे पहले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद संसद में उन्होंने कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बता दिया था। इस बयान पर तो उन्हें पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की नाराजगी भी झेलनी पड़ी थी।