वीटो की मदद से मसूद अजहर को बचाया चीन ने लेकिन फ्रांस की बड़ी कार्रवाई, देश में जब्त करेगा सभी संपत्तियां

जैश सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर चौथी बार चीन ने अडंगा लगा दिया है। वीटो का इस्तेमाल करते हुए चीन ने पाकिस्तान के लाडले मसूद को बचा लिया। इसके साथ ही ये प्रस्ताव रद्द हो गया है। लेकिन चीन द्वारा मसूद को बचाने के बाद अब फ्रांस ने इस आतंकवादी संगठन पर खुद से ऐक्शन लेने का फैसला कर लिया है। फ्रांस ने अब जैश सरगना मसूद की संपत्ति को जब्त करने का फैसला किया है। जैश के खिलाफ फ्रांस की अबतक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। मसूद के पक्ष में चीन का वीटो का अमेरिका समेत कई देशों ने आलोचना की थी।

फ्रांस सरकार के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि फ्रांस मसूद को यूरोपियन यूनियन की आतंकवादी सूची में शामिल करने को लेकर बात करेगा। उधर, पाकिस्तान पर भी आतंकवादी मसूद पर कार्रवाई को लेकर जबर्दस्त वैश्विक दबाव है। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ने ही ली थी। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे।

जैश सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर चौथी बार चीन ने अडंगा लगा दिया है। वीटो का इस्तेमाल करते हुए चीन ने पाकिस्तान के लाडले मसूद को बचा लिया। इसके साथ ही ये प्रस्ताव रद्द हो गया है। लेकिन चीन द्वारा मसूद को बचाने के बाद अब फ्रांस ने इस आतंकवादी संगठन पर खुद से ऐक्शन लेने का फैसला कर लिया है। फ्रांस ने अब जैश सरगना मसूद की संपत्ति को जब्त करने का फैसला किया है। जैश के खिलाफ फ्रांस की अबतक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। मसूद के पक्ष में चीन का वीटो का अमेरिका समेत कई देशों ने आलोचना की थी।

फ्रांस सरकार के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि फ्रांस मसूद को यूरोपियन यूनियन की आतंकवादी सूची में शामिल करने को लेकर बात करेगा। उधर, पाकिस्तान पर भी आतंकवादी मसूद पर कार्रवाई को लेकर जबर्दस्त वैश्विक दबाव है। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ने ही ली थी। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे।

गौरतलब है कि पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की राह में चीन ने चौथी बार अड़ंगा लगा दिया था। मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर फैसले से कुछ मिनट पहले चीन ने वीटो का इस्तेमाल करते हुए प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी। आपको बता दें कि 2017 में भी चीन ने ऐसा ही किया था। बीते 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने का यह चौथा प्रस्ताव था। चीन के इस फैसले के बाद भारत सरकार ने कहा, ''एक देश की वजह से जो नतीजा सामने है वो निराश करने वाला है लेकिन मसूद अजहर के खिलाफ हमारी मुहिम जारी रहेगी। हम निराश हैं लेकिन हम सभी उपलब्ध विकल्पों पर काम करते रहेंगे, ताकि ये तय किया जा सके कि भारतीय नागरिकों पर हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाए।'' उल्लेखनीय है कि भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद का ध्यान इस ओर आकर्षित कर रहा है कि जैश पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगाया है, लेकिन उससे संस्थापक को बैन नहीं किया जा रहा। अजहर पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के बहावलपुर में कौसर कालोनी में रहता है। जनवरी 2016 में पंजाब के पठानकोट में भारतीय वायु सेना के बेस पर जैश के हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से अजहर पर प्रतिबंध लगाने को लेकर अपनी कोशिशें तेज कर दी थीं। इसमें भारत को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का भी समर्थन मिला था, लेकिन चीन ने इसका विरोध किया था।

अमेरिका की ओर से यूएनएससी में कड़ा बयान दिया गया कि अगर चीन लगातार इस तरह की अड़चन बनता रहा, तो जिम्मेदार देशों को कोई और कदम उठाना पड़ेगा। सख्त भाषा का इस्तेमाल करते हुए अमेरिका ने कहा कि अगर इसी तरह चीन मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचाता रहा तो सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों को सख्त रुख अपनाना पड़ेगा। लेकिन हालात यहां तक नहीं आने चाहिए।

अमेरिका की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान चीन की मदद से कई बार जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचाता रहा है। ये चौथी बार है जब चीन ने इस तरह से मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचाया है।

दरहसल, अमेरिका, फ्रांस ब्रिटेन के अलावा रूस और चीन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य है, इन पांचों देशों को वीटो का अधिकार है। अगर कोई एक सदस्य भी वीटो का इस्तेमाल करता है तो प्रस्ताव खारिज हो जाता है। मौजूदा प्रस्ताव के विचाराधीन रहने तक मसूद अजहर को लेकर कोई नया प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में नहीं आ सकता। साफ है कि चीन ने एक बार फिर मसूद को कम से नौ महीने के लिए ग्लोबल आतंकियों की फेहरिस्त में शामिल किए जाने से बचा लिया है।

गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के गुनाहगार मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के लिए भारत की कोशिशों को दुनिया के कई बड़े देशों का साथ मिला था।

आपको बता दें कि चीन के द्वारा मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से रोक लगाने पर सोशल मीडिया पर काफी गुस्सा है। भारत में लोग #BoycottChina ट्रेंड कर रहे हैं और चीन के सामानों का विरोध कर रहे हैं।