पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सुरक्षा में कटौती, हटाई गई SPG सुरक्षा, अब जारी रहेगी z+सेक्‍योरिटी

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा में कटौती की गई है। जिसके चलते मनमोहन सिंह को मिली एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) की सुरक्षा हटा कर Z प्लस सुरक्षा दी गई है। दरहसल, सरकार सुरक्षा, खतरा और सरकारी खजाने पर पड़ रहे बोझ को लेकर पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा समीक्षा करती रहती है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि मनमोहन सिंह पर कितना खतरा है? इसका आकलन करने के बाद ही ये फैसला लिया गया है। इससे पहले करीब तीन साल पहले मनमोहन सिंह की दोनों बेटियों से भी एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई थी।

बता दें कि अभी एसपीजी की सुरक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को ही मिल रही है।

हालाकि, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि सरकार ने किसी पूर्व प्रधानमंत्री से एसपीजी सुरक्षा वापस ली हो। इससे पहले भी पूर्व प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा और खतरे का आकलन करके उनसे एसपीजी सुरक्षा वापस ली जा चुके है। 20 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और वीपी सिंह से भी एसपीजी सुरक्षा वापस ली गई थी।

सरकार के इस कदम का उद्देश्य एसपीजी पर पड़ रहे बोझ को कम करना है। साल 1985 में स्थापित किए गए एसपीजी को प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों की सुरक्षा का काम सौंपा गया है। एसपीजी की सुरक्षा इन लोगों पर खतरे के आंकलन के बाद दी जाती है। गृह मंत्रालय ने पिछले महीने भी देश के कई बड़े नेताओं को मुहैया कराई जाने वाली सुरक्षा की समीक्षा की थी। गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, यूपी बीजेपी के नेता संगीत सोम, बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी की सुरक्षा घटा दी गई।

इसके अलावा केंद्र ने यूपी सरकार के मंत्री सुरेश राणा, एलजेपी सांसद चिराग पासवान, पूर्व सांसद पप्पू यादव की सुरक्षा में भी कटौती की। लालू प्रसाद के अलावा बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी की भी सुरक्षा में कमी की गई, उन्हें अब केंद्र की सुरक्षा नहीं मिलेगी। इसके अलावा राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा की सुरक्षा भी कम की गई। सरकार के इस फैसले से 1300 से अधिक कमांडो इस ड्यूटी से कार्यमुक्‍त हुए थे।