पूर्व मंत्री जसवंत सिंह का 82 साल की उम्र में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह (Jaswant Singh) का निधन हो गया है। वो 82 साल के थे और पिछले 6 साल से काफी बीमार चल रहे थे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) सरकार में रक्षा मंत्री रह चुके हैं। दिल्ली स्थित आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल ने बयान जारी कर बताया, 'पूर्व कैबिनेट मंत्री, मेजर (रिटायर्ड) जसवंत सिंह का रविवार सुबह 6:55 बजे निधन हो गया। वह 25 जून को यहां भर्ती हुए थे। उनके कई अंग ठीक तरह से काम नहीं कर रहे थे। इसके अलावा सेप्सिस का भी उपचार चल रहा था। रविवार सुबह हृदय घात से उनका निधन हो गया। उनकी कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।'

जसवंत सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'जसवंत सिंह जी ने हमारे देश की सेवा पूरी मेहनत से की, पहले एक सैनिक के रूप में और बाद में राजनीति के साथ अपने लंबे जुड़ाव के दौरान। अटल जी की सरकार के दौरान, उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों को संभाला और वित्त, रक्षा और विदेश मामलों में एक मजबूत छाप छोड़ी। उनके निधन से दुखी हूं।'

पीएम मोदी ने कहा, 'जसवंत सिंह जी को राजनीति और समाज के मामलों पर उनके अनूठे दृष्टिकोण के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने भाजपा को मजबूत बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। मैं हमेशा उनके साथ हुई बातचीत को याद रखूंगा। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। शांति।'

वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जसवंत सिंह को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश की सेवा के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने राजस्थान में बीजेपी को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना।

प्लेन हाईजैक होने के बाद आतंकियों को लेकर कंधार गए थे

24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट नंबर IC-814 को हाईजैक करके अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था। यात्रियों को बचाने के लिए भारत सरकार को तीन आतंकी छोड़ने पड़े थे। जिन आतंकियों को छोड़ा गया था, उनमें मुश्ताक अहमद जरगर, अहमद उमर सईद शेख और मौलाना मसूद अजहर शामिल था। इन आतंकियों को लेकर जसवंत ही कंधार गए थे। 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका ने भारत पर सख्त प्रतिबंध लगाए थे। तब जसवंत ने ही अमेरिका से बातचीत की थी। 1999 में करगिल युद्ध के दौरान भी उनकी भूमिका अहम रही।

बता दें कि 7 अगस्त 2014 को जसवंत सिंह बाथरूम में गिर गए थे और उस दौरान उनके सिर पर गंभीर चोट आ गई थी। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए दिल्ली में सेना के अनुसंधान और रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से वह कोमा की स्थिति में थे।