पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार कोई हिंदू लड़की बनेगी प्रशासनिक सेवा की अफसर, पहले प्रयास में परीक्षा पास

पाकिस्तान की प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनने के लिए सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेस (CSS) की परीक्षा पास करनी होती हैं। पाकिस्तान का सीएसएस परीक्षा इतनी कठिन है कि इस साल इसमें दो प्रतिशत से कम लोग ही पास हो पाए हैं। ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, परीक्षा को महज 1.96 फीसदी लोग ही पास कर सके। पाकिस्तान की सीएसएस परीक्षा एक तरह से भारत में होने वाले सिविल सर्विसेस एग्जाम की तरह ही है, जिसके बाद अभ्यर्थी चयनित होकर प्रशासनिक सेवाओं में जाता है।

इस बीच पहली बार पाकिस्तान के शिकारपुर की रहने वाली सना रामचंद गुलवानी ने इतिहास रच दिया। वह पहली हिंदू लड़की होंगी जो पाकिस्तान में प्रशासनिक सेवाएं देंगी। 27 वर्षीय सना ने अपने पहले ही प्रयास में CSS परीक्षा पास की। सना ने यह परीक्षा मई में ही पास कर ली थी। हालांकि, उनकी नियुक्ति पर सितंबर में मुहर लगी। भारत से अलग होने के बाद से पाकिस्तान में अब तक कोई हिंदू लड़की प्रशासनिक सेवाओं में नहीं रही है।

इससे पहले सना सर्जन के रूप में पाकिस्तान में काम कर रही हैं। पांच साल पहले उन्होंने बेनजीर भुट्टो मेडिकल यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ मेडिसिन की डिग्री ली थी। सना ने सिंध प्रांत की ग्रामीण सीट से इस परीक्षा में हिस्सा लिया था। यह सीट पाकिस्तान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस के अंतर्गत आती है। मेडिकल से अपनी पढ़ाई करने वाली सना गुलवानी ने बताया कि उनके माता-पिता कभी नहीं चाहते थे कि मैं प्रशासनिक सेवा में जाऊं। उनका कहना था कि मैं मेडिकल क्षेत्र में सेवाएं दूं। इसलिए मैंने पहले पैरेंट्स के टारगेट को पूरा किया। इसके बाद मैं अपने टारगेट में जुट गई।