कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था बुधवार की सुबह रवाना कर दिया गया। जम्मू कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रमण्यम, जम्मू कश्मीर राज्यपाल सलाहकार बी.बी. व्यास और विजय कुमार ने हरी झंडी दिखाई। अब तक देशभर में दो लाख से अधिक भक्तों ने बाबा बर्फानी के दर्शन को पंजीकरण कराया है। बाबा के जयघोष से पूरा इलाका गूंज रहा है। पूरे आधार शिविर तथा आस पास के इलाकों में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। यात्रा का समापन रक्षा बंधन पर 26 अगस्त को होगा। पिछले साल 2.60 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई थी।
जम्मू कश्मीर राज्यपाल के सलाहकर विजय कुमार ने कहा- "अमरनाथ यात्रा काफी महत्वपूर्ण है। आमलोग, सभी सुरक्षा एजेंसियों और डेवलपमेंट एजेंसियों के सहयोग से हमने ये सारी तैयारियां की है और यात्रियों का ध्यान रखते हुए उसे बेहतर करने की कोशिशें की गई है। इसके साथ ही, ट्रैफिक को सामान्य बनाने सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।"
अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस मौके पर जम्मू सेक्टर के सीआरपीएफ आईजी ने बताया कि सभी तरह की सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद है। हम नई तकनीक और गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ ही, पिछले साल की तुलना में इस बार इस काम में लोगों को भी बढ़ाया गया है। पहली बार यात्रा में शामिल होने वाले सभी वाहनों की ट्रैकिंग होगी। इसके लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) टैग वाहनों पर लगाए जाएंगे। सीआरपीएफ का मोटरसाइकिल दस्ता भी सुरक्षा में सक्रिय रहेगा।
उन्होंने कहा कि वैसे तो इस यात्रा को लेकर अभी तक कोई बड़े खतरे की बात सामने नहीं है। उसके बावजूद किसी तरह के हमले की चुनौतियों से निपटने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं।
अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना होने के वक्त श्रद्धालुओं ने कहा कि वे काफी खुश हैं। उन्हें किसी बात का कोई डर नहीं है। सभी सुरक्षा व्यवस्था बेहतर है। हर साल सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की जाती है।