पंजाब और मध्यप्रदेश सहित देश के 7 राज्यों में किसान आज से हड़ताल पर हैं। किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ 10 दिवसीय आंदोलन की घोषणा की है। मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों ने शहर से बाहर फल और सब्जियों को भेजे जाने पर रोक लगा दी है। किसानों ने यह आंदोलन सरकार द्वारा किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भुगतान के वादे को जल्द से जल्द पूरा करने को लेकर किया है।
सब्जियां, फल और दूध को सड़क पर फेंक दियाआंदोलन शुरू करने से पहले किसान मंदिर पहुंचे और भगवान का दूध से अभिषेक किया।
पंजाब के फरीदकोट में किसानों ने अपनी सब्जियां, फल और दूध को सड़क पर फेंक दिया है और इनकी आपूर्ति शहरों में करने पर रोक लगा दी है। किसानों की मांग है कि उनके ऋण को माफ किया जाए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए। पिछले साल 6 जून को मंदसौर में हड़ताल कर रहे किसानों पर फायरिंग की गई थी। 10 दिनों की हड़ताल के चलते मंदसौर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। किसानों का कहना है कि वह किसान अवकाश के दौरान शहरों तक फल, सब्जियां और अनाज की आपूर्ति नहीं करेंगे।
देशव्यापी आंदोलन 130 से ज्यादा किसान संगठन जुड़े- किसानों के देशव्यापी आंदोलन के तहत कई संगठनों ने एक से दस जून तक सामान न बेचने का ऐलान किया है। इसके चलते लोगों को मुश्किल हो सकती है।
- हालांकि सभी संगठन आंदोलन में शामिल नहीं हैं। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा का कहना है कि हमारे साथ 130 से ज्यादा किसान संगठन हैं।
- यह अब देशव्यापी आंदोलन बन गया है।
- हमने इसे गांव बंद का नाम दिया है। हम शहरों तक नहीं जाएंगे क्योंकि हम लोगों के सामान्य जीवन को प्रभावित नहीं करना चाहते हैं।
पांच माह बाद विधानसभा के चुनाव- राज्य में पांच माह बाद विधानसभा के चुनाव हैं, लिहाजा भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए ही किसानों का यह आंदोलन बड़ा मुद्दा बन गया है।
- पुणे के खेडशिवापुर टोल प्लाजा पर किसानों ने 40 हजार लीटर दूध बहा दिया है।
- पंजाब में भी किसानों ने सड़क पर दूध फेंककर अपना विरोध दर्ज किया है।
भाजपा सरकार ने आंदोलन से निपटने के लिए खासे इंतजाम किए- कांग्रेस ने चूंकि इस आंदोलन का समर्थन किया है, लिहाजा भाजपा सरकार ने इससे निपटने के लिए खासे इंतजाम किए हैं। सरकार ने किसानों से बॉन्ड भरवाए हैं।
- 6 जून को मंदसौर गोलीकांड की पहली बरसी है। कांग्रेस ने इस मौके पर राहुल गांधी की सभा आयोजित की है। राहुल ने पिछले साल गोलीकांड के बाद भी मंदसौर पहुंचने की कोशिश की थी, पर कामयाब नहीं हो पाए थे।
उत्तर प्रदेश के संभल में किसानों का विरोध प्रदर्शन - उत्तर प्रदेश के संभल में शुक्रवार को किसानों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिला।
- यहां फसलों के वाजिब दाम व किसान आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग को लेकर किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया।
- किसानों ने विरोध करने के लिए सड़क पर दूध बहाया ओर साथ ही टमाटर भी सड़क पर फेंक दिए।
बर्बादी की कगार पर किसान - किसान आज दोपहर गवां मार्ग पर खिरनी तिराहे पर इकठ्ठा हुए और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
- किसानों का कहना था कि फसलों का वाजिब दाम न मिलने की वजह से किसान बर्बादी की कगार पर हैं। इसके बाद किसानों ने विरोध जताते हुए गांव से लाया गया दूध सड़क पर उड़ेल दिया। इसके बाद टमाटर के सही दाम न मिलने से नाराज कुछ किसानों ने इसी कड़ी में टमाटर भी सड़क पर फेंके।