किसानों ने प्रदर्शन स्थल पर शुरू की खेती, कहा - कृषि कानून रद्द नहीं हुआ तो पूरे मैदान में फसल बोएंगे

कृषि बिलों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 33वां दिन है। अबतक सरकार और किसानों के बीच 6 राउंड की चर्चा हो चुकी है, लेकिन कोई निर्णय नहीं निकला। किसानों ने बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला लेते हुए शनिवार को सरकार को चिट्ठी लिखी थी। किसानों ने मंगलवार 11 बजे मीटिंग करने का वक्त दिया था। उन्होंने 4 शर्तें भी रखीं। किसानों की चिट्ठी पर सरकार आज जवाब दे सकती है। अब एक बार फिर दोनों पक्ष बातचीत की टेबल पर आए हैं, ऐसे में उम्मीदें बरकरार हैं। इधर, अब कुछ किसानों ने प्रदर्शन स्थल पर खेती करनी भी शुरू कर दी है। किसानों ने वहां प्याज की बुवाई की है। जानकारी के मुताबिक कृषि कानूनों का विरोध को लेकर यह खेती सांकेतिक है।

बुरारी मैदान में खेती कर रहे किसानों ने कहा कि पंजाब में जमीन बहुत महंगी है और जहां हम प्रदर्शन कर रहे हैं वहां बिल्कुल फ्री है इसलिए हम यहां खेती कर रहे हैं। किसानों ने यह भी कहा कि अगर मोदी सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करेगी तो हम पूरे मैदान में प्याज की फसल बोएंगे।

किसानों की 4 शर्तें

- तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संभावनाओं पर बातचीत हो।
- मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) की कानूनी गारंटी बातचीत के एजेंडे में रहे।
- कमीशन फॉर द एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ऑर्डिनेंस के तहत सजा के प्रोविजन किसानों पर लागू नहीं हों। ऑर्डिनेंस में संशोधन कर नोटिफाई किया जाए।
- इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल में बदलाव का मुद्दा भी बातचीत के एजेंडे में शामिल होना चाहिए।

(फोटो: ANI)