आंदोलनकारी किसानों में जोश भरती नजर आई राजस्थान की ये नन्हीं बेटी, वीडियो के जरिए कहा - मांगों को लेकर डटे रहो

कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसानों से आज केंद्र सरकार बातचीत करेगी। कोरोना संकट और ठंड को देखते हुए सरकार ने 3 दिसंबर को होने वाली बातचीत पहले ही बुला ली। देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे जबर्दस्त किसान आंदोलन के बीच राजस्थान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मरुधरा की एक नन्हीं से बेटी का जोशीला वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। नन्हीं बालिका इस वीडियो के जरिए किसानों की पीड़ा को उजागर कर रही है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

कविता के माध्यम से बताई किसान की पीड़ा

राजस्थान पीसीसी चीफ डोटासरा ने यह वीडियो सोमवार रात 8:42 मिनट पर शेयर किया था। उसके बाद मंगलवार को सुबह 9:30 बजे तक इस वीडियो करीब 14 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं। इस वीडियो को 380 बार रिट्वीट किया जा चुका है और 2000 लोगों ने इसे लाइक किया है। 2 मिनट 20 सेकेंड के इस वीडियो में यह बालिका संक्षिप्त भाषण के बाद कविता के माध्यम से आंदोलनकारी किसानों में जोश भरती दिखाई दे रही है। वीडियो में इस बालिका ने खेत में खड़े होकर किसी मंजे हुए नेता की तरह न केवल भाषण दिया है, बल्कि उसने अपनी कविता में केन्द्र सरकार पर जमकर तंज भी कसे हैं। बालिका ने अपनी कविता के माध्यम से किसान की पीड़ा को उजागर करते हुए उनसे अपील की है कि वे अपनी मांगों को लेकर डटे रहें। जब तक सफलता नहीं मिले पीछे नहीं हटें। बालिका का कहना है किसान आखिर कब तक बेबसी के आंसू बहाता रहेगा। उसे संघर्ष से सफलता की नई इबारत लिखनी है।
डोटासरा ने इस वीडियो को शेयर करने के साथ ही ट्वीटर हैंडल पर लिखा 'राजस्थान की गौरवशाली माटी से इस छोटी सी बच्ची ने किसान आंदोलन में मोदी सरकार को घेरते हुए अपनी बुलंद आवाज में केंद्र सरकार पर हमला बोला है, जरा सुनिए।'

किसानों के समर्थन में राहुल का ट्वीट

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर किसानों का समर्थन किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि सैकड़ों अन्नदाता मैदानों में धरना दे रहे हैं और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है। ये कर्ज उन्हें न्याय और हक देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियां मारकर और आंसू गैस चलाकर। जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।

32 किसान संगठनों को ही बातचीत के लिए बुलाया

पंजाब किसान संघर्ष कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी सुखविंदर एस। सभ्रान का कहना है कि देश में करीब 500 किसान संगठन आवाज उठा रहे हैं लेकिन सरकार ने 32 संगठनों को ही बातचीत के लिए बुलाया है। ऐसे में जबतक सभी को नहीं बुलाया जाएगा, हम नहीं जाएंगे। दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि वो सभी संगठनों से बात करने के बाद ही सरकार के निमंत्रण पर सोचेंगे।