Farmers Protest: पुलिस सेक्शन 144 लगाएगी तो हम सेक्शन 288 लगा देंगे - किसान नेता

कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 6 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं किसानों से आज केंद्र सरकार दोपहर 3 बजे बातचीत करने वाली है। इसके लिए सरकार ने केवल 32 समूहों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। हालाकि, दिल्ली में पंजाब किसान संघर्ष समिति के जनरल सेक्रेटरी सुखविंदर सब्रन का कहना है कि देश में किसानों के 500 से अधिक समूह हैं, लेकिन सरकार ने केवल 32 समूहों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। बाकी को सरकार द्वारा नहीं बुलाया गया है। हम तब तक बातचीत नहीं करेंगे, जब तक सभी समूहों को नहीं बुलाया जाता।

दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों के आंदोलन के बीच गाजीपुर में एक बेहद दिलचस्प नजारा देखने को मिला। जहां, किसानों ने एक लाइन खींचकर एक तरफ सेक्शन 144 तो दूसरी तरफ सेक्शन 288 लिख दिया है। किसानों का कहना है कि पुलिस अगर किसानों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए धारा 144 का इस्तेमाल करेगी तो हम भी उससे दोगुनी धारा 288 लगा देंगे।

हम सेक्शन 288 लगा देंगे

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार से भारी संख्या में किसान आने वाले हैं। उन्होंने कहा, 'जब तक सरकार हमसे बातचीत करके कानून में बदलाव नहीं लाती है तब तक हम यहीं डटे रहेंगे। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में और किसानों के कई जत्थे यहां पहुंचेंगे। अगर पुलिस सेक्शन 144 लगाएगी तो हम सेक्शन 288 लगा देंगे। हम बैरिकेड के इस तरफ प्रदर्शन करेंगे और पुलिस यहां नहीं आ सकेगी।'

सेक्शन 288 का मतलब

बहरहाल, किसान नेता ने सेक्शन 288 के इस्तेमाल की बात इस सेंस में की कि प्रदर्शनकारी पुलिस के मुकाबले दोगुनी ताकत रखते हैं। धारा 144 के तहत प्रशासन को कहीं पर भी भीड़ जुटने से रोकने का अधिकार प्राप्त है। जिस इलाके में सेक्शन 144 लगाने का ऐलान किया जाता है, वहां एक साथ तीन से ज्यादा व्यक्ति के जमा होने की मनाही रहती है। इसका उल्लंघन करने पर इकट्ठा हुए लोगों पर कानूनी-कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है।

राजनाथ करेंगे बातचीत की अगुवाई

किसान संगठनों से आज दोपहर तीन बजे केंद्र सरकार बात करेगी। सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगुवाई करेंगे। उनके साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत अन्य कुछ मंत्री रह सकते हैं। इनके अलावा कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी जो कानून पर विस्तार से बात करेंगे, वो भी मौजूद रहेंगे। किसानों का कहना है कि MSP और मंडी के मुद्दे पर उन्हें लिखित गारंटी चाहिए। किसान संगठनों को डर है कि नया कानून जैसे ही जमीन पर उतरेगा, MSP धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी। यही कारण है कि MSP हमेशा के लिए बनी रहे, वो इस बात को कानून में शामिल करवाना चाहते हैं।

किसानों के समर्थन में राहुल का ट्वीट

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर किसानों का समर्थन किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि सैकड़ों अन्नदाता मैदानों में धरना दे रहे हैं और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है। ये कर्ज उन्हें न्याय और हक देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियां मारकर और आंसू गैस चलाकर। जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।