किसान आंदोलन: सांसदों का स्‍पीकर को खत, कहा - गाजीपुर बॉर्डर पर भारत-पाक सीमा जैसे हालात

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के 72 दिन हो गए हैं। विपक्षी दलों के नेता सड़क से लेकर संसद तक सरकार को घेरने में लगे हैं। 9 विपक्षी दलों के 12 सांसदों ने गुरुवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखकर कृषि कानूनों पर सदन में अलग से चर्चा की मांग रखी। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के जमावड़े और पुलिस की तैयारियों को देखते हुए विपक्षी नेताओं ने चिट्ठी में यह भी लिखा कि दिल्ली का गाजीपुर बॉर्डर भारत-पाकिस्तान बॉर्डर जैसा नजर आ रहा है। किसानों की स्थिति जेल के कैदियों जैसी हो गई है। सांसदों की ओर से बताया गया है कि शिरोमणी अकाली दल, एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस समेत कई पार्टियों के 15 सांसद गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों से बातचीत करने के लिए गए थे लेकिन पुलिस ने उन्‍हें किसानों से मिलने ही नहीं दिया गया। ऐसे में विपक्ष के डेलिगेशन को गाजीपुर से बैरंग लौटना पड़ा था।

सांसदों को किसानों से मिलने से रोके जाने के बाद पनपे विवाद के बाद गाजियाबाद पुलिस के अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने गाजीपुर में प्रदर्शन स्थल जाने से प्रतिनिधिमंडल को नहीं रोका। पुलिस महकमे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, सभी राजनीतिक दलों के नेता वहां आ रहे हैं और हम किसी को रोक नहीं रहे। उन्हें दूसरी तरफ (दिल्ली) रोका गया होगा।

RLD आज UP और राजस्थान में शुरू करेगी किसान पंचायतें


उधर, किसान आंदोलन को मजबूत करने की कड़ी में आज से उत्तर प्रदेश और राजस्थान में किसान पंचायतों की सीरीज शुरू की जाएगी, जो फरवरी के आखिर तक चलेगी। इनका आयोजन राष्ट्रीय लोक दल (RLD) की तरफ से किया जा रहा है। RLD ने पिछले हफ्ते किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया था। RLD के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने गुरुवार को कहा कि किसान पंचायतों का मकसद सरकार को यह बताना है कि यह एक बड़ा आंदोलन है। इसमें राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी बनती है कि वे किसानों तक पहुंचें और दूसरे लोगों को भी इस मुद्दे की संवेदनशीलता बताएं।

संयुक्त किसान मोर्चे ने 6 फरवरी को यानी कल 3 घंटे के चक्का जाम का ऐलान किया है। इसे लेकर किसान नेता और सुरक्षाबल अपनी-अपनी स्ट्रैटजी बना रहे हैं। दिल्ली-NCR में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बलों (CRPF) की 31 कंपनियों की तैनाती 2 हफ्ते के लिए और बढ़ा दी गई है। दिल्ली में तैनात CRPF की सभी यूनिट्स से कहा गया है कि वे अपनी बसों पर तारों का जाल लगा लें।