राहुल गांधी को नहीं मिली मार्च की इजाजत, लगाई गई धारा 144

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 29वां दिन है। केन्द्रीय कृषि कानूनों पर केन्द्र सरकार की तरफ से दिए गए संशोधन के प्रस्ताव को किसान संगठनों ने बुधवार को खारिज कर दिया। संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसले के बाद सिंघु बॉर्डर पर कहा कि किसानों का फ़िलहाल सरकार से बैठक का मन नहीं है। इसके साथ ही, उन्होंने किसानों को फिर से ठोस प्रस्ताव भेजने को कहा। उधर, कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे किसानों के समर्थन में विपक्षी नेता आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे। राष्ट्रपति भवन से 3 नेताओं को अपॉइंटमेंट मिला है। वे 2 करोड़ किसानों के साइन किए हुए ज्ञापनों को राष्ट्रपति को सौंपेंगे। विपक्ष का डेलिगेशन राहुल गांधी के नेतृत्व में विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालना चाहता था, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी।

कांग्रेस कार्यलय पहुंचे नेता शशि शरूर ने कहा कि कांग्रेस किसानों आंदोलन की आड़ में राजनीति नहीं कर रही है बल्कि उनकी आवाज उठा रही है। राष्ट्रपति से मुलाकात के पहले राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा। कांग्रेस ने 2 करोड़ किसानों के हस्ताक्षर जुटाने का दावा किया है।

राष्ट्रपति भवन जाने के लिए राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय पहुंच चुके हैं, राहुल के साथ बहन प्रियंका गांधी भी मौजूद हैं। केवल तीन नेताओं को राष्ट्रपति से मिलने की इजाजत मिली है। नई दिल्ली इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है और राष्ट्रपति भवन के पास सुरक्षा को बढ़ाया गया है। वहीं विजय चौक पर भरा संख्या में पुलिस बल तैनात है। दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस कार्यालय के बाहर बैरिकेडिंग कर ये साफ कर दिया है कि नेताओं को ले जाने के लिए आई बस जाने नहीं दी जाएगी।

आपको बता दे, हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों से किसानों का दिल्ली पहुंचने का सिलसिला जारी है। 26 दिसंबर को पंजाब के खनौरी से और 27 दिसंबर को हरियाणा के डबवाली से 15-15 हजार किसान दिल्ली के लिए रवाना होंगे।